यूक्रेन में जो भी कुछ हो रहा है उसके पीछे दुनिया रूस को जिम्मेदार ठहरा रही है लेकिन असल में इसके पीछे वजह तो अमेरिका, नाटो संग पश्चिमी देश हैं। ये यूक्रेन को नाटो में शामिल कर रूस को काबू में करने की षड्यंत्र रच रहे थे। यूक्रेन लगातार आग में घी डालता रहा जिसके बाद अंत में वही हुआ जो रूस कभी नहीं चाहता था। रूस लगातार यूक्रेन को कह रहा है कि उनके पास मौका है खुद को बचाने की और अपने देश को भी। यह तो दुनिया भी जानती है कि यूक्रेन तो क्या अमेरिका तक रूस से टकराया तो मिट जाएगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर से यूक्रेन से कहा है कि अब भी तुम्हारे पास मौका है। उन्होंने कहा है कि, हथियार डालने और क्रेममलिन की सभी मांगों को पूरा करने पर ही जंग रूकेगी।
पुतिन द्वारा यह साफ हो गया है कि युद्ध तभी रुकेगा जब युक्रेन सभी शर्तों को मानने के लिए तैयार हो जाएगा। यह पश्चिमी देशों के लिए भी चेतावनी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को चेतावनी देते हुए यूक्रेन को बताया कि रूस का सैन्य अभियान तभी रुकेगा, जब कीव (Kyiv) हथियार डाल देगा और क्रेमलिन की सभी मांगों को पूरा करेगा। उनकी ये धमकी तुर्की के प्रधानमंत्री तैयप एर्दोगन के साथ एक टेलीफोन बातचीत के दौरान आई है। पुतिन ने साफ किया है कि वो अपनी शर्तें मानें यूक्रेन से अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं हैं।
पश्चिमी देशों के साथ कीव की निकटता और नाटो में शामिल होने के कदम पर राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया। एक दिन बाद ही रूस ने कहा कि अगर यूक्रेन हथियार डाल देता है तो वो बात करने के लिए तैयार है। मास्को ने जोर देकर कहा है कि उसके हमले तब तक समाप्त नहीं होंगे, जब तक कि यूक्रेन की सैन्य क्षमताओं को नष्ट नहीं कर दिया जाता और देश को 'नाजियों' से मुक्त नहीं कर दिया जाता।