क्वाड देश अपनी दोस्ती को मजबूत करने के लिए धरती से लेकर आकाश तक एक दूसरे का सहयोग करेंगे। क्वाड के चार देश तकनीक, व्यापार और सुरक्षा पर मिलकर काम करेंगे। इसके लिए खाका तैयार कर लिया गया है। इसमे पूर्वी व दक्षिण चीन सागर में नियम आधारित व्यवस्था की वकालत करते हुए छोटे आइलैंड देशों को सहयोग का वादा करके चीन को स्पष्ट संदेश दिया गया है।
क्वाड के शीर्ष नेताओं की पहली आमने-सामने हुई बैठक ने अपने एजेंडे से भविष्य की दीर्घकालिक रणनीति को स्पष्ट कर दिया है। इसमे भविष्य की हर चुनौती में साथ खड़े होने का संकेत है। क्वाड नेताओं की बैठक मोटे तौर पर चार थीम पर आधारित थी। इसमे अफगानिस्तान और क्षेत्रीय सुरक्षा,कोविड – 19 प्रतिक्रिया, टेक और साइबर सुरक्षा और जलवायु का मुद्दा शामिल था। लेकिन व्यापक रणनीति के तहत कई मुद्दों पर मंथन हुआ। सूत्रों ने कहा क्षेत्रीय सुरक्षा में तालिबान के अलावा चीन से लेकर पाकिस्तान से खतरे भी शामिल थे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में चीनी एप का मुद्दा भी उठाया। जानकारों का कहना है कि छोटे आइलैंड देशों का सहयोग और आसियान देशो के साथ सहयोग का विस्तार का संकल्प बैठक में जाहिर करके भी चीन को स्पष्ट संकेत दिया गया है कि मनमाने व्यवहार के खिलाफ ये गठजोड़ आने वाले दिनों में और भी व्यापक होगा। क्वाड की विस्तृत फैक्ट शीट में क्वाड के बीच शिक्षा,स्वास्थ्य,सुरक्षा, गुणवत्तापूर्ण आधारभूत ढांचा निर्माण में साझेदारी,वैक्सीन निर्माण व वितरण में सहयोग,साइबर सुरक्षा,सहित अन्य क्षेत्रों में साथ की प्रतिबद्धता जाहिर करके साफ दर्शाया गया है कि क्वाड व्यवहारिक स्तर पर सहयोग का मंच बन रहा है।
इसमे एक दूसरे की जरुरतों के मद्देनजर रणनीतिक सहयोग भी शामिल है। बैठक में संगठन के व्यापक लक्ष्य के तहत जी -7 और जी-20 के गुणवत्तापूर्ण आधारभूत ढांचे की निर्माण की कवायद का साथ देने का भी संकेत दिया गया। साथ ही कई मसलों पर ईयू से भी तालमेल बनाने की बात की गई है। यानी व्यापार को केंद्र में रखकर व्यापक रणनीतिक सहयोग की आधारशिला क्वाड बैठक में रखी गई है।