पाकिस्तान की राजनीति भारत के नाम पर शुरू होती है और भारत के ही नाम पर खत्म होती है। जब भी मुल्क में नया प्रधानमंत्री आता है तो वो सबसे पहले भारत का ही नाम लेता है। उदाहरण के तौर पर अब नए पीएम शहबाज शरीफ और इमरान खान को ही देख लें। इमरान खान के हाथों से जब सत्ता जाने लगी तो वो भारत की तारीफ करने लगे। वहीं, शहबाज शरीफ जैसे ही शपथ लिए वैसे ही वो कश्मीर राग अलापने लगें। इसपर भारत ने सख्त चेतावनी दी है।
राजनाथ सिंह ने पहले तो पाकिस्तान के नए पीएम शहबाज शरीफ को शुभकामनाएं दी है। इसके साथ ही कश्मीर राग पर जमकर सुनाया भी है। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ उन्हें यह कहना चाहता हूं कि वे आतंकवाद काबू में रखें। उन्हें शुभकामनाएं। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ चर्चा में पड़ोसी देशों पाकिस्तान व चीन को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जब भी अमेरिका व भारत के बीच द्विपक्षीय वार्ता होती है तो आतंकवाद का मुद्दा उठाया जाता है। हमने अमेरिका के साथ 2+2 वार्ता में भी इस पर विचार किया। अमेरिका से किसी आश्वासन का सवाल नहीं, हमने सिर्फ चर्चा की।
उन्होंने कहा कि, अमेरिका हमारा स्वाभाविक मित्र है, इसमें कोई दो राय नहीं है। चीन को लेकर उन्होंने कहा कि, हम सभी देशों के साथ अच्छे संबंध रखना चाहते हैं। पाक के नए पीएम शरीफ ने भारत के साथ अच्छे रिश्ते रखने की बात कही थी, लेकिन यह भी कहा था कि कश्मीर विवाद के हल के बगैर यह संभव नहीं है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जेम्स आस्टिन के साथ 2+2 के मौके पर सिंह ने एएनआई से चर्चा में कहा कि रूस को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा उपकरणों के स्पेयर पॉर्ट्स के लिए हम रूस पर निर्भर हैं और पाबंदियों के चलते हमें दिक्कतें आ सकती हैं। हम इससे निपटने में सक्षम हैं। अमेरिका से इस बारे में कोई बात नहीं हुई है।