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Pakistani अधिकारियों ने कहा- Imran Khan साफ झूठ बोल रहे हैं! किसी से भी नहीं है खतरा…

पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा- हमारे प्रधानमंत्री इमरान खान नंबर एक के झूठे हैं!

इमरान खान की सरकार पाकिस्तान में इस वक्त अब-तब लगी हुई है। अपनी सरकार बनाने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान लाख कोशिशें कर रहे हैं लेकिन, इस वक्त उनके हाथ से सबकुछ निकल चुका है। इसके साथ ही इमरान खान अपनी सरकार बचाने के लिए जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। उनका कहना है कि, उनकी सरकार के खिलाफ विदेश से साजिश रची जा रही है। लेकिन, पाकिस्तान के ही अधिकारियों का कहना है कि, इमरान खान सरकार झूठ बोल रहे हैं। ऐसे कुछ भी नहीं है। पाकिस्तान को विदेशी ताकतों से किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है।

इमरान खान ने हाल ही में एक रैली में कहा था कि, उनकी सरकार के खिलाफ विदेश से साजिश रची जा रही है। उन्होंने हाथ में लिये एक चिट्ठी को दिखाते हुए कहा कि इसी चिट्ठी में साजिश की बातें हैं। लेकिन, मैं इस चिट्ठी की बातें आपको नहीं बता सकता हूं। उन्होंने चिट्ठी की बातों को बिना बताए हुए कहा कि, इसका मकसद पाकिस्तान के खिलाफ साजिश है क्योंकि, मैंने आजाद विदेश नीति अपनाई है। पाकिस्तान की स्वतंत्र विदेश नीति को हटाने की कोशिश की जा रही है।

पाकिस्तानी अखबार द ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में संबंधित अधिकारियों के हवाले से बताया है कि पीएम इमरान खान द्वारा किए जा रहे दावे गलत हैं। अधिकारियों का कहना है कि, उन्होंने अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं देखा है कि विपक्षी दलों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान को गिराने की एक अंतरराष्ट्रीय साजिश रची जा रही है। पाकिस्तान के टॉप अधिकारी ने अपना नाम न बताते हुए अखबार को कहा कि, अगर खतरा इतना गंभीर था तो राष्ट्रिय सुरक्षा समिति की बैठक तुरंत क्यों नहीं बुलाई गई।

इमरान खान ने जिस चिट्ठी का जिक्र किया था उसे लेकर कई कई सावल पूछे जा रहे हैं कि, चिट्ठी किसी देश द्वारा लिखा गया था या यह पाकिस्तान के विदेशी राजनयिक मिशनों में से एक द्वारा साझा किया गया था। विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने भी यह दावा किया था कि धणकी वाली चिट्ठी सैन्य नेतृत्व के साथ भी साझा किया गया था। हालांकि, संबंधित अधिकारियों ने बताया है कि उन्हें इस तरह की किसी भी साजिश के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही उन्होंने ऐसा कोई सबूत देखा है। इसके साथ ही विपक्ष का कहना है कि, अगर इमरान खान को खतरा है तो वो चिट्ठी को संसद के सामने साझा क्यों नहीं करते।