यूक्रेन जंग शुरू होने की सबसे बड़ी वजह राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की की नाटो रट है। उन्होंने नाटो में शामिल होने की जब रट लगाने शुरू की तो रूस ने कई बार मना किया। उनके न मानने और डोनबास में कत्लेआम मचाने के बाद रूस को सैन्य अभियान की शुरूआत करनी पड़ी। इसके साथ ही जेलेंस्की को अच्छे से पता थी कि वो रूस के आगे कहीं नहीं टिकते और पश्चिमी देश सामने आने से इनकार कर दिया। इतनी मदद मिलने के बाद भी पश्चिमी देश और यूक्रेन, रूस का कुछ नहीं बिगाड़ सके। जेलेंस्की इस घमंड में थे कि पश्चिमी देशों का उनके सिर पर हाथ है तो रूस क्या ही बिगाड़ लेगा। जेलेंस्की की गलत नीतियों ने जनता को मौत के मुंह में झोंक दिया। जेलेंस्की को इस सिर्फ हिरो बनना है उन्हें अपनी जनता की फिक्र होती तो अब तक युद्ध खत्म करने की दिशा में काम कर रहे होते। अब तो हद ही हो गई हैं, क्योंकि- जब मुल्क जंग की आग में धधक रहा है और यूक्रेन के कई शहर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं तो जेलेंस्की को फोटोशूट का सूझ रहा है। वो अपनी पत्नी के साथ मस्ती के मूड में नजर आ रहे हैं। ऐसे में अब रूस राजधानी कीव पर तेजी से हमला बोल दिया है।
रूस ने यूक्रेन के कई शहर बर्बाद कर दिए हैं। रूसी सेना ने पिछले कुछ हफ्तों में पहली बार कीव क्षेत्र में गुरुवार को मिसाइल हमला किया। इसके साथ ही रूसी सेना ने उत्तरी चेर्नीहीव क्षेत्र में भी हमला किया है। इन इलाकों को गत कई हफ्तों से निशाना नहीं बनाया गया था। रूस की ओर से नए सिरे से हमले पूर्वी यूक्रेन के मॉस्को समर्थक नेता डेनिस पुशिलिन की अपील के बाद किए गए हैं। पुशिलिन ने सार्वजनिक रूप से रूसी सेना से अपील की थी कि वह रूसी लोगों द्वारा बसाए गए रूसी शहरों जैसे कीव, चेर्नीहीव, पोलत्वा, ओडेसा, निप्रोपेत्रोव्स्क, खारकीव, ज़ैपसोरिज़िया और लुत्स्क को मुक्त कराए।
यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर भी बुधवार-गुरुवार की रात गोलाबारी की गई। इसके साथ ही दक्षिण शहर मिकोलेव पर भी रूस ने हमला तेज कर दिया है। बता दें कि, दुनिया के सामने पश्चिमी देश यूक्रेन को मासूम साबित कर रहे हैं। जबकि ये यूक्रेन डोनबास में 15 हजार लोगों का कत्लेआम मचाने वाला है। यूक्रेन इस जंग में अपनी जनता को जबरन झोंक रहा है। हाल ही में रूस की ओर से खुलासा किया गया था कि, दुनिया के सामने यूक्रेन कह रहा है कि वो समझौता करना चाहता है। जबकि राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की और उनके अधिकारियों का कहना है कि, अंत तक कोई समझौता नहीं होगा।