यूक्रेन पर रूस को हमला बोले एक महीने से भी ऊपर हो गया है और इस जंग को रोकने के लिए अमेरिका और नाटो संग पूरे पश्चिमी देशों ने पूरी कोशिश की लेकिन वो नाकाम रहें। जिसके बाद उन्होंने, रूस को आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए कई सारे कड़े प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन, इससे भी रूस को कोई फर्क नहीं पड़ा। ऐसा कहा जा रहा था रूस को यूक्रेन हमले के बाद काफी नुकसान हुआ है और वो जल्द ही हमला रोक देगा। लेकिन, ऐसा लगता है कि रूस ने अपनी पूरी तैयारी पहले से ही की थी। क्योंकि, अब वो एक और नाटो देश पर हमला बोल सकते हैं। यह अमेरिका के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है।
दरअसल, जंग के बीच फिनलैंड की नाटो देशों से नजदीकियां काफी बढ़ी हैं और उसकी यही नजदीकी भारी पड़ने लगी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की जब फिनलैंड की संसंद को संबोधित कर रहे थे तभी फिनलैंड पर साइबर हमला हुआ है। इसके साथ ही हवाई क्षेत्र में भी उल्लंघन का मामला सामने आया है। फिनलैंड के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया कि शुक्रवार दोपहर करीब बारह बजे रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर हमला हुआ। हमले की जानकारी के तुरंत बाद वेबसाइट को बंद कर दिया गया। पूरे मामले की जांच चल रही है। घटना की जांच के बाद वेबसाइट को शुरू कर दिया गया है।
सरकारी वेबसाइटों पर साइबर अटैक से पहले फिनलैंड ने बताया कि रूस के एक विमान आईएल-96-300ने तीन मिनट के लिए हवाई सीमा का उल्लंघन किया था। विमान फिनलैंड के हवाई क्षेत्र में आने के कुछ समय बाद वापस चला गया। फिनलैंड रूस के साथ 1300किलोमीटर की सीमा साझा करता है। फिनलैंड इस वक्त यूक्रेन के साथ खड़ा है। फिनलैंड अगले कुछ महीनों में नाटो देशों में शामिल हो सकता है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि, रूसी इसी से बौखलाया हुआ है और वे साइबर हमला और हवाई क्षेत्र का उल्लंभन कर डराने की कोशिश कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नाटो देशों के करीब जा रहा फिनलैंड रूस का अगला शिकार हो सकता है।
इसके साथ ही फिनलैंड के रक्षा मंत्रालय के स्थायी सचिव एसा पुलकिनेन का कहना है कि, हां रूस प्रतिक्रिया जरूर देगा लेकिन कैसे देगा ये पता नहीं है। इसके लिए हमें तैयार रहना होगा। हमें अपने फैसले को लेकर अंजाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना होगा। फिनलैंड सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रहे पुलकिनेन का कहना है कि रूस की धमकियों से हमें कैसे निपटना है इसकी तैयारी करनी होगी।