Shahed-136: खारकीव से जब रूस पीछे हटने लगा तो यूक्रेन को लगा उसे बड़ी जीत हुई है। जेलेंस्की तुरंत अपनी एक वीडियो रिकॉर्ड कर दुनिया के सामने शेयर करते हुए खुशी के मारे झूम उठे। लेकिन, यूक्रेन को ये नहीं पता था कि रूस एक कदम पीछे हट रहा है तो यानी कुछ बड़ा करने वाला है। वैसे भी यूक्रेन शुरुआत से ही गलतफहमी में जी रहा है। पहले उसे लगा रूस हमला नहीं करेगा। जंग शुरू हो गई तो वो पश्चिमी देशों द्वारा मिले साथ के दमपर अबतक रूस से लड़ रहा है। अगर पश्चिमी देश यूक्रेन का साथ नहीं देते तो आज ना तो यूक्रेन में इतनी तबाही आती और ना ही दुनिया में इस युद्ध का परिणाम देखने को मिलता। क्योंकि, ये जंग 4-5 दिनों की थी उसके बाद परिस्थितियां अंडर कंट्रोल होती। रूस ने जब-जब अपनी रणनीति में बदलाव किया है यूक्रेन को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है। खारकीव से एक कदम पीछे हटना रूस की हार नहीं बल्कि सोची-समझी पूरी चाल थी। रूस अब शहीद-136 (Shahed-136) का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है जो यूक्रेन के लिए काल बन गया है। दरअसल, शहीद-136 (Shahed-136) ईरान का सुसाइड ड्रोन है जो एक बार अपने टारगेट को लॉक कर दे तो दुश्मन का बच पाना मुश्किल है। रूस की इस नई चाल ने यूक्रेन में बड़ी तबाही मचा दी है।
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रूस की नई चाल से यूक्रेन परेशान
दरअसल, यूक्रेन के 92वें मैकेनाइज्ड ब्रिगेड के आर्टिलरी कमांडर कर्नल रोडियन कुलगिन का कहना है कि, पिछले हफ्ते सुसाइड Shahed-136 डेल्टा-विंग ड्रोन उत्तर-पूर्वी खारकीव क्षेत्र में यूक्रेनी तोपों के ठिकानों के ऊपर नजर आए। ये ड्रोन रूसी कलर में पेंट किए गए थे और इन्हें जेरेनियम 2 के रूप में रीब्रांड किया गया था। अक्सर जोड़े में उड़ने वाले और टारगेट से टकराकर उसे तबाह कर देने वाले इन ईरानी ड्रोन ने दो 152-मिमी सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉवित्जर, दो 122-मिमी सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉवित्जर, दो बीटीआर बख्तरबंद वाहनों को नष्ट कर दिया। कर्नल कुलगिन ने कहा कि वर्तमान में बड़े पैमाने पर शहीद ड्रोन के इस्तेमाल से पहले रूस ने पिछले महीने एक परीक्षण किया था जिसमें ड्रोन से एक अमेरिकी एम777 155-मिमी टोड हॉवित्जर को निशाना बनाया गया था। ये ड्रोन ज्यादातर खारकीव क्षेत्र में तैनात किए गए हैं। यानी की साफ है कि, पुतिन ने बहुत सोच समझ कर अपनी आर्मी को खारकीव छोड़ने के लिए बोला है। जेलेंस्की के लिए अब ये ड्रोन बड़ी चुनौती बनने वाली है।
खारकीव में इस वजह से रूस बदला रणनीति
यूक्रेने अधिकारी का कहना है कि, अन्य क्षेत्रों में रूसी सैनिकों के पास शक्तिशाली तोपों की मारक क्षमता है। लेकिन यहां उनके पास तोपें नहीं हैं इसलिए उन्होंने इन ड्रोन का सहारा लेना शुरू कर दिया है। इस ड्रोन को लेकर कुछ लोगों का कहना है कि यह ईरान के डेल्टा-विंग डिजाइन का नया मॉडल शहीद-136 लग रहा है। शहीद-136 रूस को हाई-टेक हथियार, जैसे HIMARS से ‘शक्तिशाली प्रतिरोध’ प्रदान कर सकता है।
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शहीद की तबाही से यूक्रेन परेशान
हाल यह है कि, शहीद-136 की मौजदूगी के चलते यूक्रेन को अपने प्लान में बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ा रहा है। इसका बचाव करना पाना यूक्रेन के लिए मुश्किल हो रहा है। यूक्रेन को डर है कि, शहीद-136 का इस्तेमाल बड़े प्रभाव के साथ किया जा सकता है, पहला- रडार सिस्टम को निशाना बनाकर और दूसरा- तोपों पर हमला करके। ईरान के पास एंटीजैमिंग सिस्टम भी हैं जो यूक्रेन के लिए मुकाबला करना मुश्किल बना सकते हैं। शहीद ड्रोन की एक खासियत है कि अगर इसने अपना टारगेट लॉक कर लिया तो उसे रोकना मुश्किल है।
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