रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine) की जंग को हमला बोले पूरा एक साल होने वाला है। रूस अभी तक भी शांत नहीं बैठ रहा है। लेकिन इस युद्ध में यूक्रेन अकेला नहीं बल्कि नाटो देश उसका साथ दे रहे हैं। अमेरिका जैसे देश उसे एडवांस हथियार दे रहे हैं। लेकिन इस बीच यूक्रेन ने युद्ध में एक बेहद पुराने हथियार को उतार दिया है। ये एक पुरानी तोप है, जिसे ‘म्यूजियम पीस’ कहा जा रहा है। राष्ट्रपति जेलेंस्की यूक्रेनी सेना को नाटो की मदद से हर तरह के आधुनिक हथियार दे रहे हैं, ताकि रूसी सेना को पीछे धकेला जा सके। लेकिन यूक्रेन की सेना अपनी जीत निश्चित करने के लिए हर तरीको को अपना रही है।
यूक्रेन को करना पड़ा पुराने हथियारों का इस्तेमाल
यूक्रेनी सेना ने ‘प्राचीन’ सोवियत समय की 240 मिमी मोर्टार गन को रूस के खिलाफ युद्ध के मैदान में तैनात किया है। इसका नाम M240 है। इसमें 240 मिमी का गोला लोड किया जाता है। ये तोप 130 किग्रा के गोले को छह किमी दूरी तक फायर कर सकती है। ये बंदूक 10 चालक दल की ओर से चलाई जाती है। हालांकि ये बेहद पुरानी टेक्नोलॉजी है, जिसके कारण ये एक तेज हथियार नहीं है। ये बंकरों के लिए सबसे घातक है। हालांकि यूक्रेनी सेना किस तरह के गोले दागने में इसका इस्तेमाल कर रही है यह नहीं पता चल सका है। लेकिन हाल ही में आई रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेनी सैनिकों ने एक जवाबी हमले के दौरान 240 मिमी मोर्टार बमों के भंडार पर कब्जा जमा लिया था। यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह एकमात्र मोर्टार पहले कीव में एक म्यूजियम में देखा गया था।
Eastern Ukraine, Ukrainian forces from the 35th Marine Brigade fire an M240 240mm heavy mortar pic.twitter.com/Zu9oFxAB3Y
— OSINTtechnical (@Osinttechnical) February 4, 2023
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अफगानिस्तान को भी बनाया था निशाना
डोनबास क्षेत्र में यह मोर्टार गन देखी गई है। पर्यवेक्षकों का मानना है कि ये हथियार या तो एक सैन्य म्यूजियम से लाई गई है या संभवतः किसी अन्य पूर्व सोवियत देश जैसे रोमानिया या चेक रिपब्लिक से उधार ली गई हो सकती है। सोवियत सेना ने जब अफगानिस्तान में मुजाहिद्दीन के खिलाफ हमला किया था, तब इस मोर्टार गन का इस्तेमाल हुआ था। सीरिया के गृहयुद्ध में भी इसका इस्तेमाल रूस ने किया था।