Russia Ukraine Towards Nuclear War: रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच तनाव खत्म होने के बजाय बढ़ता चला जा रहा है। रूस ने पहले ही मना किया था कि जो भी देश यूक्रेन की मदद करेगा वो उसे भी इस जंग में लिप्त समझेंगे और समय आने पर उसके खिलाफ बड़ा कमद उठाएंगे। दरअसल, यूक्रेन को अमेरिका संग पूरा पश्चिमी देश सपोर्ट कर रहा है। ये जंग एक तरह से पश्चिमी देश बनाम रूस है। पुतिन कई बार परमाणु हमले (Russia Ukraine Towards Nuclear War) की भी धमकी दे चुके हैं। हाल ही में एक वीडियो सामने आया था जिसमें परमाणु हथियारों से भरी ट्रेन नजर आई थी। अब अमेरिका भी अपने परमाणु हथियार तैनात (Russia Ukraine Towards Nuclear War) करने लगा है। ऐसे में ये जंग अब और भी ज्यादा खतरनाक होने वाली है। चिंता जताई जा रही है कि, पुतिन टैक्टिकल न्यूक्लियर बम का इस्तेमाल कर सकते हैं। परमाणु युद्ध के खतरे के बीच नाटो के सदस्य पोलैंड के राष्ट्रपति अंद्रेज डूडा ने अपने देश में परमाणु हथियारों की तैनाती की इच्छा जताई है। जर्मनी में परमाणु बम हैं। इससे पहले रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही जर्मनी ने अपने पुराने टॉर्नेडो बॉम्बर जेट को अमेरिकी F-35 विमानों से बदलने की घोषणा की थी। अमेरिकी F-35 फाइटर जेट न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम हैं।
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रूस के चलते जर्मनी ने खरीदा F-35
जर्मनी की रक्षा मंत्री क्रिस्टीन लैंब्रेच ने मार्च में कहा था कि, F-35 हमें हमारे नाटो सहयोगियों और यूरोप में अन्य भागीदारों के साथ सहयोग करने की एक अनूठी क्षमता प्रदान करता है। जर्मनी 2030 तक अपने बेड़े को बदलने की योजना बना रहा है। जर्मनी के टॉरनेडो लड़ाकू जेट 1980 के दशक से सेवा में हैं, जिसे इटली और यूनाइटेड किंगडम के सहयोग से विकसित किया गया था। पहले जर्मनी ने F-18 लड़ाकू विमानों से टॉरनेडो लड़ाकू जेट को बदलना चाहा था। बाद में जब रूस ने यूक्रेन पर हलमा बोला तो जर्मनी F-35 खरीदने का फैसला बना लिया।
पश्चिमी ने तानत किया 100 परमाणु बम
जर्मन सेना के पास स्वयं का परमाणु हथियार नहीं हैं। हालांकि, शीत युद्ध के दौरान परमाणु निरोध प्रणाली के हिस्से के रूप में जर्मनी में अमेरिका ने 20 या उससे कम B-61 न्यूक्लियर ग्रेविटी बम तैनात किए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे यूरोप में 100 परमाणु बम तैनात हैं। जर्मनी का नया एयरक्राफ्ट अमेरिकी न्यूक्लियर ग्रेविटी बम को ले जाने में सक्षम हैं।
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इतने प्रकार के होते हैं B61 परमाणु बम
B61 परमाणु बम चार प्रकार के होते हैं। इसमें 3,4,7 और 11 वेरियंट हैं। सबसे घातक वेरियंट B61-12 है और पिछले सभी चार वेरियंट को बदलने में सक्षम है। दिसंबर 2021 में राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन NNSA ने घोषणा की कि B61-12 की पहली उत्पादन इकाई पूरी हो चुकी है। फुल स्केल प्रोडक्शन मई 2022 में शुरू होने की उम्मीद है और उत्पादन वित्त वर्ष 2026 में पूरा हो जाएगा। इस परियोजना में 8.4 बिलियन की लागत का अनुमान है। अमेरिका ने इन बमों का निर्माण 1961 में ही शुरू कर दिया था। इन बमों को स्ट्रैटेजिक और टैक्टिकल दोनों की प्रकार का बनाया गया है। स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर बम बड़े शहरों को तबाह करने के लिए इस्तेमाल होते हैं। वहीं, दूसरा टैक्टिकल न्यूक्लियर बम है, जिसे छोटे इलाकों और युद्ध के मैदानों में सेना के खिलाफ किया जाता है।