रूस-यूक्रेन युद्ध के नवें दिन बहुत बड़ी दुर्घटना हो चुकी है। इस दुर्घटना का नतीजा यूरोप में अंधेरा छा सकता है। यूरोप की इंडस्ट्रीज ठप हो सकती है। अगर यह दुर्घटना ज्यादा गंभीर हुई तो यूरोप रूस के सामने घुटनों के बल बैठने को विवश हो सकता है। ऐसा कहा जाता है कि यूक्रेन के शहरों में रूसी और यूक्रेनी फौजों के बीच हो रही भयंकर गोलीबारी के दौरान झापोरिज्झिया न्यूक्लियर पॉवर प्लांट में आग लग गई है। झापोरिज्झिया पॉवर प्लांट यूरोप का सबसे बड़ा पॉवर प्लांट है। इस न्यूक्लियर पॉवर प्लांट में आग लगने की खबर मिलते ही यूरोप के तमाम देशों खलबली मच गई। यूरोपीय यूनियन ने रूसी सेना से झापोरिज्झिया पॉवर प्लांट की आग बुझाने की गुहार लगाई है। रूसी सेना ने इस पॉवर प्लांट को चारों और से घेर रखा है।
विभन्न समाचार एजेंसियों ने एनरगोदार शहर के मेयर दिमित्रयोव ओरलोव के फेसबुक के हवाले से जानकारी दी है कि आग पॉवर प्लांट के ब्लॉक में लगी है। फायरफाइटर्स पॉवर प्लांट में घुसने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन रूसी सेना की भारी गोलाबारी के कारण वो अंदर नहीं घुस नहीं पा रहे हैं। न्यूक्लियर पॉवर एनर्जी विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर आग पर काबू नहीं पाया गया और धमाका हो जाता है तो यहां चेर्नोबिल से 10 गुना ज्यादा नुकसान हो सकता है। आईएईए ने झापोरिज्झिया पॉवर प्लांट में लगी आग को तत्का बुझाने के प्रयासों पर जोर दिया है।
आईएईए के अनुमान के अनुसार प्लांट की एनर्जी जेरेटिंग यूनिट की पहले ब्लॉक में आग लग चुकी है। इस पॉवर प्लांट में कुछ छह यूनिट हैं। इस पॉवर प्लांट से यूरोप की 25 फीसदी से एनर्जी सप्लाई होती है। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा है कि प्लांट में चारों ओर से आग लगी हुई है। अगर इस पर काबू नहीं किया गया तो अब तक के इतिहास में यह सबसे न्यूक्लियर पॉवर प्लांट की दुर्घटना होगी। यूरोप के कई देशों में अंधेरा छा जाएगा और रेडियो एक्टिव विकिकरण से दुनिया के एक बड़े हिस्से की आबादी बुरी तरह प्रभावित होगी।