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Russia-Ukraine War: रूसी हमले में मलवे का ढेर बना यूक्रेन, कीव की संसद तक रूसी फौज, मिंस्क में शांति वार्ता की संभावना

Russia-Ukraine War मलवे में तब्दील हो रहा है यूक्रेन

बीती 25-26 तारीख की रात रूसी फौजें यूक्रेन की राजधानी कीव में घुस चुकी हैं। कीव की सड़कों पर यूक्रेन और रूसी फौजों के बीच आर-पार की लड़ाई चल रही है। रूसी सेनाओं की कोशिश है कि किसी भी तरह यूक्रेनी राष्ट्रपति बोलोदोमोर जेलेंसकी और उनके आर्मी अफसरों की गिरफ्तारी करना है। ऐसा माना जा रहा है कि शाम तक रूसी फौजें जेलेंसकी के सरकारी आवास पर कब्जा कर सकते हैं।

इस बीच राष्ट्रपति जो बाइडन और व्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जेलेंसकी से कीव छोड़ने का आग्रह किया है। कीव में घुसने से पहले रूस ने कीव के पॉवर प्लांट को ध्वस्त कर दिया था। रूस ने कीव की पानी सप्लाई भी बाधित कर दी है। कीव की सड़कें युद्ध का मैदान बन चुकी हैं।

ऐसी खबरें आ रही हैं कि रूस ने कीव ही नहीं बल्कि यूक्रेन के सभी नागरिकों से अपील की थी कि वो उनके रास्तों से हट जाएं, क्यों कि उनका निशाना जेलेंसकी सरकार और उनके फौजी ठिकाने हैं। रूस की इस अपील के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंसकी ने आम लोगों को फ्री हथियार बांटे और रूस की फौजों का सामना करने के लिए प्रेरित किया गया। इतना ही नहीं यूक्रेन की सेना ने सिविलियन इलाकों में मोर्चे लगा कर कीव में घुस रही सेना पर गोलीबारी शुरू कर दी। सिविलियन इलाकों में बने इन ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए रूसी सेना ने बमबारी की जिससे कीव के कई रिहायशी इलाके भी धूल-धुआं और रखा के ढेर में तब्दील हो चुके हैं। कीव की सड़कों पर आमने-सामने की लड़ाई और अधिक भंयकर हो चुकी है।

रूस पर कूटनीतिक दबाव बनाने के लिए यूएनएससी में बीतीरात निंदा प्रस्ताव पेश किया गया था। इस प्रस्ताव पर रूस ने वीटो का इस्तेमाल कर उसे गिरा दिया। इस प्रस्ताव पर 11 सदस्यों ने पक्ष में और 1 ने विरोध में मत डाला। भारत, चीन और यूएई ने युद्ध को किसी समस्या का समाधान न बताते हुए डिप्लोमैसी के जरिए मामले का हल निकालने का सुझाव दिया और यूएनएससी में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

मलवे के ढेर में तब्दील हो रहे यूक्रेन को बचाने के लिए राष्ट्रपति जेलेंसकी अब लगातार पुतिन से बात करने और युद्ध रोकने की गुजारिश कर रहे हैं। पुतिन ने अभी तक जेलेंसकी का फोन नहीं उठाया है। पुतिन ने कहा कि जब तक यूक्रेन की सेना आत्मसमर्पण का ऐलान नहीं करतीं तब तक युद्ध जारी रहेगा। ध्यान रहे, पुतिन ने भारतीय समय के अनुसार 24 फरवरी की शाम को जेलेंसकी से सशर्त बातचीत की मंशा जाहिर की थी। जेलेंसकी की ओर संकेत आया कि वो सशर्त बात नहीं करेंगे। इसके बाद रूसी फौजों के हमले और तेज हो गए।

जेलेंसकी ने पुतिन की शर्तों पर बात शुरू करने और कीव को मलवे का ढेर बनने से बचाने के बजाए एक-एक कर नाटो के 27 राष्ट्रप्रमुखों से सहायता मांगी। जेलेंसकी अमेरिका और नाटो के सामने आखिरी समय गुट में शामिल करने और नाटो की सुरक्षा शील्ड हासिल करने की कोशिश करते रहे। इसके बाद उन्होंने अज्ञात स्थान से वीडियो संदेश में कहा कि सभी ने उन्हें अकेला छोड़ दिया है। अब वो नाटो में नहीं हैं। इसके बाद फिर उन्होंने रूस के पास बात-चीत का संदेश भेजा। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंसकी के दो मुंही रवैये से पुतिन का पारा और चढ़ गया।

पुतिन ने एक बार फिर यूक्रेन की सेना से अपील की कि अगर वो जेलेंसकी को अपदस्थ कर सत्ता अपने हाथ में लेले तो हमले रोक कर शांति वार्ता शुरू की जा सकती है। इसके बाद यूक्रेन की सड़कों पर नेशनल गार्ड रूसी फौज से भिड़ते नजर आ रहे हैं। रूसी सोर्सेज का कहना है यूक्रेनी सेना उनके सामने नहीं है ये पश्चिमी देशों के भाड़े पर पल रहे सैनिक हैं। जिनकी वजह से कीव और दूसरे शहरों में तबाही जारी है।

इस बीच ये खबरें भी आ रही हैं कि पुतिन ने बेलारूस के शहर मिंस्क में यूक्रेन के साथ बातचीत को मंजूरी दे दी है।