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Ukraine War के बीच पुतिन का बड़ा बयान, बोलें- America-NATO अब एक और जंग के लिए तैयार रहना!

पश्चिमी देशों को Russia की खुली धमकी

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ने लगा है। इस वक्त कच्चे तेल की कीमतें आसमान छूने लगी है और आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दामों में फिर से बढ़ोतरी होते देखा जा सकता है। इस बीच रूस के उप प्रधानमंत्री ने कहा है कि अगर उसके एनर्जीसप्लाई पर बैन लगाया गया तो वह पश्चिमी देशों को 300डॉलर प्रति बैरल कच्चा तेल खरीदने को मजबूर कर देंगे। इसके साथ ही रूस-जर्मनी गैस पाइपलाइन को भी बंद करने देने की धमकी दी है।

दरअसल, यूक्रेन पर हमले के बाद से पश्चिमी देश लगातार रूस के खिलाफ कड़े से कड़ा प्रतिबंध लगा रहे हैं। इसके साथ ही अमेरिका, यूरोप और सहयोगी देश मिलकर रूस पर एनर्जी सप्लाई रोकने की तैयारी कर रहे हैं। इसके कारण सोमवार को कच्चे तेल का भाव 130डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था जो साल 2008के बाद उच्चतम स्तर है। इस बीच रूस के उप-प्रधानमंत्री एलेग्जेंडर नोवक ने कहा कि अगर रसियन ऑयल को खरीदने से मना किया जाता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। इससे ग्लोबल मार्केट में तेल की कीमत आसमान छूने लगेगी। वह दिन दूर नहीं है जब कच्चे तेल का भाव 300डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाएगा। रूस का तेल अभी डिस्काउंट पर मिल रहा है, लेकिन कोई देश खरीदने की हिम्मत इसलिए नहीं कर रहा है क्योंकि इससे वह रूस का खुला समर्थक हो जाएगा। तेल निर्यात बैन हो जाने से रूस की इकोनॉमी को गहरा झटका लगेगा।

इसके आगे उन्होंने कहा कि, यूरोप अपनी जरूरत का ज्यादा तेल रूस से आयात करता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है। वह रोजाना करीब 11मिलियन बैरल तेल उत्पादन करता है। इसका आधा हिस्सा वह निर्यात करता है। निर्यात में आधा केवल यूरोप को जाता है। यानी की रोजाना आधार पर वह यूरोप को 2.5-3मिलियन बैरल तेल निर्यात करता है। नोवक ने कहा कि अगर यूरोप रूस से तेल आयात बंद कर देता है तो उसे भारी एनर्जी क्राइसिस से जूझना होगा। यूरोप के नेताओं को इस बात को समझने की जरूरत है।

इसेक आगे उन्होंने यह भी कहा कि, रूस जितना तेल यूरोप को निर्यात करता है उसे रिप्लेस करने में एक साल से ज्यादा लग जाएगा। ऐसे में यूरोप के नेताओं को यह बात अपनी जनता से भी करनी चाहिए। अगर रूस से तेल सप्लाई पर बैन लगता है तो हम इसके लिए तियार हैं। इसके साथ ही नोवक ने कहा कि, यूरोप को कुल गैस सप्लाई में रूस का योगदान 40 फीसदी के करीब है। रूस अपनी जिम्मेदारियों से कभी पीछे नहीं हटा है। अगर हमारे खिलाफ किसी तरह का एक्शन लिया जाता है तो इसका माकूल जवाब दिया जाएगा।