रूस एक महाशक्तिशाली देश है और इसमें कोई शक नहीं है कि अकेले किसी भी देश में रूस से लड़ने की ताकत नहीं है। यूक्रेन जंग को लेकर लोग भली-भांति जानते हैं कि ये जंग मिनटों की नई सेकेंड्स की है लेकिन, यहां आम जनता के चलते ये युद्ध इतना लंबा खिंचता चला जा रहा है। रूस की ताकत के बारे में अंदाजा इसी से लगा ले कि, वो चाहे तो सिर्फ तीन मिनट में ब्रिटेन को खत्म कर सकता है और सिर्फ 10 सेकंड्स में पूरे फिनलैंड को उड़ा सकता है। नाटो और पश्चिमी देशों की चाल है कि रूस से सटे देशों को नाटो की सदस्यता दे दें और फिर रूस पर कार्रवाई करे। खैर इन सब के बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि, यूक्रेनी सैनिकों ने रूसी सैनिकों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है।
रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि, इस सप्ताह अब तक युद्धग्रस्त शहर मारियुपोल में अजोवस्टल संयंत्र में लगभग 1,000 यूक्रेनी लड़ाकों ने आत्मसमर्पण किया है। रूसी सैनिकों ने 19 अप्रैल को संयंत्र पर धावा बोला था और इसके बड़े क्षेत्रों को नष्ट कर दिया था। इसके साथ ही, यू्क्रेनी सैनिकों ने एक ऐसे स्थल की रक्षा करना छोड़ दिया, जो देश के प्रतिरोध का एक प्रतीक था। इस घटनाक्रम के बाद बंदरगाह शहर मारियुपोल में लड़ाई खत्म हो गई प्रतीत हो रही है।
रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनशेनकोव ने बुधवार को कहा कि सोमवार से 959 यूक्रेनी सैनिक अजोवस्तल इस्पात संयंत्र को छोड़ कर चले गये हैं। रूसी समाचार एजेंसियों की खबरों के मुताबिक, रूस की संसद की योजना अजोव लड़ाकों की अदला-बदली रोकने के लिए बुधवार को एक प्रस्ताव लाने की है। वहीं, यूक्रेन की उप रक्षा मंत्री हना मैलियर ने कहा कि लड़ाकों की रिहाई के लिए वार्ता जारी है। इसके साथ ही यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि, सर्वाधिक प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ इस कार्य में लगे हुए हैं।