रूस ने 117 दिनों में इतना हमला किया है कि यूक्रेन को फिर से पहले जैसे यूक्रेन बनने में कई वर्ष लग जाएंगे। इस वक्त यूक्रेन लगभग पूरी तरह से तबाह हो चुका है। लेकिन, पश्चिमी देशों से मिल रही मदद और उनकी चाल में फंसे जेलेंस्की हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हें अब भी गलतफहमी है कि वो जंग जीत जाएंगे जबकि, रूसी सेना एक के बाद एक यूक्रेनी शहरों पर अपना कब्जा जमा रही है। यहां तक कई कई शहरों में रूसी करेंसी भी चलने लगी है। अब एक बार फिर से रूस ने जंग में तेजी ला दी है और यूक्रेन के चुनिंदा और अहम शहरों पर कब्जा कर रहा है। खबरों की माने तो, रूस ने पूर्वी यूक्रेन के तोशकिवका शहर पर कब्जा जमा लिया है। यह यूक्रेन के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है।
सोमवार को रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन के सेवेरोडोनेट्स्क शहर के करीब सिवरस्की डोनेट्स नदी के इलाके और तोशकिवका शहर पर कब्जा करने का दावा किया। दूसरी तरफ यूक्रेन ने रूस के कब्जे में क्रीमिया के ऑयल ड्रिलिंग प्लेटफॉर्म पर हमला किया। क्रीमिया पर 2014 से रूस का कब्जा है। लुहांस्क के मिलिट्री हेड ने सेवेरोडोनेट्स्क शहर पर होने वाले रूसी हमले को लेकर आगाह किया है। सेरही हेयडे ने सोमवार को कहा कि रूसी सेना के पास शहर में बड़े पैमाने पर हमले के लिए पर्याप्त हथियार मौजूद है। हेयडे ने बताया कि रूस इस इलाके के आस-पास हेवी मिलिट्री इक्विपमेंट तैनात किए हैं।
वहीं, यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में जेलेंस्की सेना लगभग अपना कंट्रोल खो चुकी है। वहां, वर रूसी सेना का कब्जा हो गया है। एक रिपोर्ट की माने तो, सेवेरोडोनेट्स्क के जिस ब्रिज को रूसी सेना ने उड़ाया वो यूक्रेनी सेना के लिए सबसे बड़ा नुकसान साबित हुआ। सेवेरोडोनेट्स्क शहर पर कब्जे को लेकर कई दिनों से जंग चल रही है । इस शहर तक एक बड़े ब्रिज के जरिए यूक्रेनी सेना पहुंच रही थी। रूसी सेना ने इस ब्रिज को उड़ाकर रसद का रास्ता बंद कर दिया । यहां बड़ी संख्या में यूक्रेन के सैनिक मौजूद हैं, लेकिन उनके पास हथियारों और गोला बारूद की कमी है। इसके साथ ही रूसी सेना ने अपनी रणनीति में भी बदलाव किया है। वो अब यूक्रेन के अहम शहरों पर घेराबंदी कर रही है।