यूक्रेन संग जंग के बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव इस हफ्ते भारत के दौरे पर आ सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो यूक्रेन पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हमले शुरू होने के बाद किसी रूसी मंत्री की यह पहली विदेश यात्रा होगी। ये यात्रा ऐसे समय पर हो रही है, जब अमेरिका समेत पश्चिमी देशों रूस पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर रहे है। रूसी विदेश मंत्री की भारत यात्रा सामरिक-आर्थिक साझेदारी पर केंद्रित रहेगी। बताया जा रहा है कि इस दौरे के दौरान सामरिक हितों, रूस से कच्चे तेल की खरीद, मुद्रा के भुगतान समेत रूसी बैंकों पर लगाए गए प्रतिबंधों पर चर्चा हो सकती है।
आपको बता दें कि कि वित्त मंत्री ने बीते सप्ताह संसद को बताया था भारत कच्चे तेल की खरीद को लेकर रूस की ओर से दी गई छूट पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इसके साथ ही इस सौदे को लेकर एक वित्त मंत्रालय की अगुवाई में एक मंत्रिमंडलीय समूह का गठन किया गया है, जो कच्चे तेल की खरीद पर भुगतान समेत भारत के आयातकों-निर्यातकों के रूस से व्यापार के मामलों की समीक्षा करेगा। खासकर जब यूक्रेन पर हमले के कारण रूस पर तमाम तरह के आर्थिक प्रतिबंध थोपे गए हैं।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के भारत दौरे से पहले रूस का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत आएगा। इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल रूस के केंद्रीय बैंक या बैंक ऑफ रशिया के प्रतिनिधि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आला अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात का उद्देश्य रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बीच भुगतान प्रक्रिया से जुड़े तंत्र को बनाना होगा। इसके अलावा सर्गेई लावरोव के दौरे पर मोदी सरकार रूस से मिलने वाले एस-400 मिसाइल सिस्टम और उससे जुड़े पुर्जों समेत एके-203 राइफल की आपूर्ति पर भी चर्चा करेगी। प्रतिबंधों की वजह से इसमें भी तकनीकी विलंब हो सकता है।