मक्का मस्जिद के एक प्रमुख पूर्व इमाम को सऊदी अरब (Saudi Arabia) की एक अदालत ने 10 साल जेल की सजा सुनाई है। अमेरिका स्थिति राइट्स ग्रुप डेमोक्रेसी फॉर द अरब वर्ल्ड नाउ (डॉन) ने कहा है कि, रियाद में स्पेशलाइज्ड क्रमिनल अपील कोर्ट ने मक्का मस्जिद के पूर्व इमाम शेख सालेह अल तालिब को 10 साल की जेल की सजा सुनाई है। मिडिल ईस्ट आई की एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी (Saudi Arabia) अधिकारियों ने 2018 में तालिब को बिना कारण बताए गिरफ्तार किया था। सऊदी अरब (Saudi Arabia) में मनोरंजन जगत को कंट्रोल करने वाली संस्था जनरल एंटरटेनमेंट अथॉरिटी की आलोचना करने के बाद उनकी गिरफ्तारी की गई थी।
यह भी पढ़ें- Saudi Arabia ने एक ही दिन में 81 आतंकियों को दे दी फांसी, कहां- आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेंगे
आरोप है कि उन्होंने उन संगीत कार्यक्रमों और कार्यक्रमों की निंदा करते हुए दावा किया था कि उनसे देश के धार्मिक और सांस्कृतिक मानकों का उल्लंघन होता है। तालिब के वैश्विक अनुयायी हैं, हजारों लोग यूट्यूब पर उनके उपदेश और कुरान के पाठ को देखते हैं। उनकी गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई जब सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी समाज में सुधार और खाड़ी साम्राज्य की तेल-निर्भर अर्थ्व्यवस्था में विविधता लाने के लिए अपना अभियान जारी रखा।
यह भी पढ़ें- Saudi Arabia के झटके से हिली Imran Khan सरकार, कर्ज तो मिलेंगे लेकिन इन शर्तों पर…
रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी क्राउन प्रिंस की कट्टरपंथी संगठनों की तरफ से कड़ी निंदा की जा रही थी, इस दौरान दर्जनों प्रमुख मौलवियों और इमामों को गिरफ्तार किया है, जो उनके सुधार एजेंडे के आलोचना कर रहे थे। वहीं, दिवंगत पत्रकार जमाल खशोगी द्वारा स्थापित एक समूह डॉन ने ट्विटर पर तालिब की अदालती सजा की पुष्टि की है। रिपोर्ट के मुताबिक, डॉन के प्रवक्ता अब्दुल्ला अलाउध ने जेल की सजा की निंदा की और कहा कि यह मौलवियों और इमामों के बढ़ते पैटर्न का हिस्सा है, जो एमबीएस द्वारा अपनाए गए सुधारों के खिलाफ बोलने के लिए कारावास का सामना कर रहे हैं। बता दें कि, हाल ही में पीएचडी छात्र सलमा को 34 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। क्योंकि, पीएचडी का ये छात्र अन्य आलोचकों के साथ सऊदी अरब सरकार की आलोचना करते हुए ट्वीट किया था। जिसके बाद इसे 34 साल की सजा हुई।