Xi Jinping and Justin Trudeau: चीन की हर एक करतूत को अक्सर भारत कई बार से दुनिया के सामने ला चुका है। ऐसे में एक बार फिर से जी-20 की बैठक में इसबार खुलेआम चीन की गुंडई देखने को मिली है। दरअसल, इस बार अब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) से दादागीरी झड़ते हुए दिखे। वैसे चीन का इस तरह का रवैया कोई पहली बार समाने नहीं आया है। क्योंकि गलवान से लेकर लद्दाख तक उसकी धोखाधड़ी दुनिया के सामने है। ऐसे में भारत ने ड्रैगन की हर एक चाल पर पानी फेर के रख दिया था। भारत की सख्ती की वजह से चीन को तो बैकफुट पर आना पड़ा लेकिन चालबाज चीन छोटे देशों को धौंस दिखाने का कोई मौका नहीं चूकता है। कुछ ऐसा ही इंडोनेशिया में दिखा। वह कनाडा के सामने दादागीरी दिखाते दिखे।
ट्रूडो से क्यों चिढ़े बैठे हैं जिनपिंग?
ट्रूडो जी-20 की बैठक के इतर जिनपिंग (Xi Jinping) के साथ बैठक में कनाडा में चीनी हस्तक्षेप पर नाराजगी जता दी थी। कनाडा की पुलिस ने सोमवार को कहा था कि कनाडा की सबसे बड़ी बिजली बनाने वाली कंपनी हाइड्रोक्यूबिक में काम करने वाले एक कर्मचारी को चीन के लिए जासूसी के आरोप में पकड़ा गया था। शख्स पर आरोप था कि वह ट्रेड सीक्रेट को चोरी करने की कोशिश कर रहा ताकि चीन को फायदा हो सके।
क्या बोले जिनपिंग?
इस बीच चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग बोले कि हमारे बीच जो भी बातचीत हुई उसे अखबार में लीक कर दिया जाता है, ये सही नहीं है। अगर आपकी तरफ से गंभीरता रहती तो ऐसे बातचीत नहीं होती। अगर आप सहमत होते तो हम आपसी रजामंदी से इसे बात सकते हैं। लेकिन ऐसा होना सही नहीं है। जब दोनों के बीच बातचीत खत्म हुई तो जिनपिंग ने धमकी भरे अंदाज में ट्रूडो को कहा कि ये सब ठीक है लेकिन शर्तें पहले रहेंगी। ऐसे में फिर क्या था ट्रूडो ने जिनपिंग के आरोपों पर ड्रैगन को जमकर सुना दिया। उन्होंने कहा कि कनाडा खुली बातचीत में भरोसा रखता है। कनाडा में हम स्वतंत्र, खुले और निष्पक्ष बातचीत में विश्वास करते हैं और आगे भी इसे जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हम आगे भी साथ काम करते रहेंगे लेकिन ऐसे मुद्दे आएंगे जिन पर भविष्य में हम सहमत नहीं होंगे।
चालबाज चीन का पर्दा हुआ फाश
चीन अपने पैसे और ताकत के दम पर दुनिया में ऐसी हरकतों को अंजाम देता है जो कई बार छिपी रह जाती हैं। लेकिन इसबार कनाडा ने खुलेआम उनकी हरकतों को बेपर्दा कर दिया है। चीन पर कोरोना से लेकर ऐसे तमाम आरोप लगे हैं जिससे वो इनकार करता रहा है। लेकिन ट्रूडो के जवाब ने चीन की पोल खोलकर रख दी है। लेकिन जिस तैश में जिनपिंग ने ट्रूडो को धमकाने की कोशिश की वो चौंका देने वाला था।
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चीन की धौंस को भारत ने किया था चकनाचूर
लद्दाख में संघर्ष के दौरान भारत ने चीन को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया था। आज भी LAC पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। भारत चीन से लगी सीमाओं पर इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहा है। भारत ने गलवान संघर्ष के दौरान भी काफी सख्त रुख अपनाया था। भारत ने ड्रैगन की हर हरकत का करारा जवाब दिया था। चीन से के साथ ट्रेड को निलंबित करने से लेकर आपसी रिश्तों पर भी रोक लगा दी थी। जी-20 में पीएम नरेंद्र मोदी और जिनपिंग ने हाथ मिलाया। लेकिन अभी भी दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हैं।
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