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भारत से दोस्ती से पहले Shahbaz ने रखी शर्त, कहा-‘जब तक कश्मीर…. ‘

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ (Shahbaz)

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ (Shahbaz) बोखला गए हैं, कारण है चुनाव। अभी कुछ दिनों पहले ही शाहबाज़ भारत से बात करने के लिए गिड़गिड़ा रहा थे परन्तु अब तो तेवर ही बदल गए हैं। वे भारत के साथ दोस्ती से पहले कश्मीर के आजादी का ख्वाब पाल बैठे हैं। शहबाज शरीफ ने कहा है कि भारत के साथ दोस्ती तभी हो सकती है, जब कश्मीर की आजादी का मसला हल हो। उन्होंने भारत-पाकिस्तान जल विवाद का भी जिक्र किया और उसे भी हल करने की वकालत की।

अलापा कश्मीर वाला राग

एक निजी टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में शहबाज शरीफ (Shahbaz) से पूछा गया कि अगर आपको दोबारा हुकूमत मिलती है तो भारत के साथ कैसे संबंध रखना चाहेंगे। इस पर शहबाज शरीफ ने कहा कि कश्मीर के स्वीकार्य हल को तलाश किए बगैर भारत से दोस्ती नहीं हो सकती है। उन्होंने पाकिस्तान के बाकी प्रधानमंत्रियों के जैसे ही आतंकवादियों को स्वतंत्रता सेनानी करार दिया और उनके मारे जाने को शहादत का झूठा नाम दिया। शहबाज शरीफ इतने पर ही नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा कि कश्मीरियों के आजादी के जनमत संग्रह का मसला हल हुए बिना भारत के साथ भारत के साथ किस तरह ताल्लुकात नॉर्मल हो सकते हैं।

भारत-पाकिस्तान में गरीबी और बेरोजगारी का हवाला दिया

शहबाज शरीफ (Shahbaz) ने अपने पहले के बयानों पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने इस ख्वाहिश का इजहार किया है कि हमें अच्छे हमसाए की तरह रहना चाहिए, लेकिन उसके जो तकाजे हैं, जो इश्यू हैं, जैसे कश्मीर को लेकर बात हुई, पानी का मसला है, इनको हल किए बगैर ये हालात किस तरह नॉर्मल हो सकते हैं। अगर नॉर्मल नहीं होंगे तो यह एक तरह की बदकिस्मती की बात है कि इस क्षेत्र में दो देश जहां गरीबी भी है, बेरोजगारी भी है और हम अपनी ताकत उनकी खुशहाली और तरक्की के बजाए हम अपनी रक्षा के लिए और महंगी मशीने खरीदें। ये मुनासिब नहीं हैं।

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