पाकिस्तान में तालिबान ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। अफगानिस्तान में तालिबान राज आने की सबसे ज्यादा खुशी पाकिस्तान को हुई। पाकिस्तान ने तालिबान को हर संभव मदद की। अब तालिबान का असर पाकिस्तान तक पहुंच गया है। पाकिस्तान के कट्टरपंथी मौलाना अब अपने देश में भी इस्लामी शरिया कानून को लागू करने की मांग करने लगे हैं। मदरसे में तालिबानी झंडे लगाए जा रहे हैं। इस्लामाबाद के सबसे कुख्यात मदरसे जामिया हफ्सा में लगे तालिबान के झंडे को उतारने के लिए जब पाकिस्तानी पुलिस पहुंची तो उसे मौलाना अब्दुल अजीज एके 47 लेकर खड़ा हो गया। उसने पुलिस वालों को भला-बुरा कहा और नौकरी पर लानत भेजने को बोला। लाल मस्जिद के अफ्सा मदरसे तालिबानी झण्डा उतरवाने पहुंची पुलिस को बैरंग वापस होना पड़ा।
रिपोर्ट के अनुसार जब इस्लामाबाद पुलिस जामिया हफ्सा की इमारत पर तालिबान के झंडे उतारने पहुंची तो उसे भारी विरोध का सामना करना पड़ा। खुद मौलाना अब्दुल अजीज पुलिस के सामने खड़े हो गए। जिसके बाद पुलिस टीम झंडों को बिना उतारे ही वापस लौट गई। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में अब्दुल अजीज पुलिसकर्मियों को लताड़ते हुए दिखाई देते हैं। वायरल वीडियो में मौलाना अब्दुल अजीज जामिया हफ्सा के अंदर पुलिसकर्मियों के साथ बहस करते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने पुलिसकर्मियों को नौकरी छोड़ने तक की समझाइश दे दी। मौलाना ने धमकी देते हुए कहा कि पाकिस्तान तालिबान आप सभी को सबक सिखाएगा।
Maulana Abdul Aziz gets into an argument with Islamabad police trying to remove Taliban flags from Lal Masjid pic.twitter.com/C0IBzxYpej
— Naya Daur Media (@nayadaurpk) September 18, 2021
पुलिस को तालिबान के झंडे हटाने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में मदरसे की बुर्का पहने छात्राएं छत पर मौजूद थीं। अब्दुल अजीज ने भी उन्हें आगे आने और उन्हें और उनके छात्रों को गिरफ्तार करने की चुनौती दी, लेकिन पुलिस वाले चुपचाप सुनते रहे। सूत्रों के अनुसार अब्दुल अजीज के आदेश पर मदरसा के छात्रों ने शुक्रवार रात जामिया हफ्सा की छत पर अफगान तालिबान के झंडे फहराए थे। महिला पुलिस अधिकारियों सहित एक पुलिस दल शनिवार सुबह झंडे को हटाने के लिए जामिया हफ्सा पहुंचा, लेकिन अब्दुल अजीज और उनके छात्रों द्वारा कार्रवाई का कड़ा विरोध करने के बाद उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।