भारत के उत्तर प्रदेश का शहर बनारस शिव नगरी है। कहा जाता है कि इसे खुद शिव जी ने बसाया है। इसे बनारस कहें वाराणसी कहें या फिर काशी लेकिन, ये है भोले (काशी विश्वनाथ) की नगरी है। तंग गलियों के बीच से सुबह शाम जब घंटों की आवांजे कानों तक पहुंचती हैं तो हर किसी का मन प्रफुल्लित हो उठता है और अपने आप सिर झुक जाता है और हाथ जुड़ जाता है। भगवाव भोले की इस नगरी में दुनिया भर से लोग आते हैं। और इन दिनों तो यहां के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर मामला गर्म है जहां पर सर्वे के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। मस्जिद के तहखाने और वजू खाने के पास में नंदी और शिवलिंग मिला है जिसके बाद कोर्ट ने इस स्थान को सिल कर दिया। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि, मस्जिक के नीचे कई और मंदिरों के होने का प्रमाण मिल सकता है। वैसे भगलान शिव के भक्त दुनियाभर में हैं और एक शहर तो ऐसा है जो उनके शिवलिंग के आकार पर ही बसा है।
रोम के एक पूरे शहर को शिवलिंग का आकार में बसाया गया है जिसका नाम वेटिकन सिटी। दुनिया के इस सबसे छोटे शहर वेटिकन सिटी का आकार भगवान शिव का आदि-अनादी स्वरूप शिवलिंग की तरह है। विटिकन सिटी शहर को उंचाई से देखने पर शिवलिंग के आकार जैसी तस्वीर दिखाई देती है और ध्यान से देखे जाने पर इस त्रिपुण्ड्र (भगवान शिव के माथे पर लगी तीन लाइन) भी नजर आएगी। वेटिक शब्द को संस्कृत के शब्द वटिका से लिए गया है। जिसका अर्थ होता है वैदिक सांस्कृतिक केंद्रष इस तरह के शब्द यह सिद्ध करते हैं कि क्रिस्चीएनिटी के अस्तित्व में आने से पहले वेटिकन एक हिंदू धार्मिक केंद्र है। ये बत इस बात का प्रमाण है कि वेकिटन सिटी का भारत से बहुत जुड़ाव है। ये सारी बातों की पुष्टि भारतीय इतिहासकार पीएन ओक ने की।
उनरा कहना है कि, कई साल पहले यहां नवीनीकरण के लिए खुदाई की जा रही थी उसी दौरान जमीन से एक प्राचीन शिवलिंग मिला जिसके बाद लोगों की आस्था को देखते हुए इस शहर को शिव की नगरी के रूप में बसा दिया गया। यह भी माना जाता है कि, पुरातात्विक खुदाई के दौरान वेटिकन सिटी में एक शिवलिंग की खोज की गई थी जिसे प्रदर्शन के लिए वेटिकन सिटी के ग्रेगोरियन इट्रस्केन संग्रहालय में रखा गया है। इसके देखने और दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
भारतीय इतिहासकार पीएन ओक का यह भी कहना है कि, क्रिस्चीएनिटी और इस्लाम हिंदू धर्म के व्युत्पन्न शब्द हैं। कैथोलिक वेटिकन, काबा और ताज महल एक हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। इसके साथ ही उन्होंने क्रिच्यीऐनिटी शब्द को भी भगवान श्री कृष्म के कृष्ण नीति के साथ भी जोड़ है।