यूक्रेन पर रूस का हमला लगातार जारी है और इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने यूरोपीय संघ (European Union) में यूक्रेन की सदस्यता के लिए एक आवेदन पर हस्ताक्षर किया था जिसको लेकर उनको जोर का झटका लगा है। इससे यह तो साबित हो जाता है कि अमेरिका, नाटो और बाकी के यूरोपीय देश रूस का सामना नहीं करना चाहते। अब अमेरिका को भी अंदाजा हो गया है कि रूस के खिलाफ जाना उसके लिए किसी खतरे से कम नहीं है। इसके साथ ही यह वलोडिमिर जेलेंस्की का वो बयान भी सही साबित होने लगा है जिसमें उन्होंने कहा था कि जंग की मैदान में दुनिया ने उन्हें अकेला छोड़ दिया है।
अमेरिका, नाटो और यूरोपीय देश एक ओर यूक्रेन की मदद करने की बात को कह रहे हैं लेकिन दूसरी ओर खुलकर सामने आने से कतरा रहे हैं। कहीं न कहीं उन्हें भी पता है कि रूस के खिलाफ जाना उनके लिए बड़ी मुसिबत खड़ी कर सकता है। तभी तो इन्हीं यूरोपीय यूनियन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को जोर का झटका देते हुए यूरोपीय संघ (European Union) में यूक्रेन की सदस्यता के लिए दिए गए आवेदन को रिजेक्ट कर दिया है। यानी यह साफ हो गया है कि यूक्रेन को अभी यूरोपीय संघ (European Union) की सदस्यता नहीं दी जाएगी।
यहां तक कि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने ईयू से अपील की थी कि सारी प्रक्रिया के तहत यूक्रेन को भी ईयू में शामिल किया जाए। यूक्रेन ईयू में शामिल होने के लिए डिजर्व करता है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई है कि यूक्रेन को जल्द यूरोपीय यूनियन (ईयू) में जगह मिल जाएगी।
यूरोपियन यूनियन क्या है?
यूरोपिय यूनियन यूरोप के देशों का एक राजनैतिक एवं आर्थिक मंच है जहां पर इससे जुड़े सारे सदस्य देश अपने प्रशासकीय कार्य करते हैं, इसके साथ ही इसके नियम भी सभी सदस्य देशों को पालन करना होता है। इसकी स्थापना 1957 में रोम की संधि द्वारा यूरोपीय आर्थिक परिषद के माध्य से छह यूरोपीय देशों ने अपने आर्थिक हितों को ध्यना में रखते हुए किया था। शुरूआत में इसमें जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, बेल्जियम और लेक्जमबर्ग शामिल थे। लेकिन, बाद में बदलाव होते गया और इस वक्त इसके 27 देश सदस्य हो चुके हैं। यूरोपीय यूनियम के नागरिकों को व्यापार के लिए चार सुविधाएं निश्चित तौर पर मिलती है।