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Taiwan की नेवी, एयरफोर्स और थल सेना ने धारण किया रौद्ररूप, चीनी सेना के अफसरों में खलबली

ताईवान की सेनाओं का रौद्ररूप

ताईवान ने इस बार ऐसा युद्धाभ्यास शुरु किया है जिसे देखकर चीन की चूलें हिल रही हैं। यह युद्धाभ्यास नैंनी पैलोसी की यात्रा के दौरान चीनी आर्मी की हिमाकत का जवाब देने के लिए किया जा रहा है। इस युद्धभ्यास में ताईवान की नेवी, आर्मी और एयरफोर्स तीनों एक साथ शामिल हैं।  इस अभ्‍यास की शुरुआत में नागरिकों के मोबाइल पर मिसाइल हमले का संदेश भेजा गया और उन्‍हें सुरक्षित स्‍थानों पर चले जाने के लिए गया। दुकानों को बंद कर दिया गया और सभी वाहनों को सड़क से हटने के लिए बाध्‍य कर दिया गया। ताइवान की सेना का यह  युद्धाभ्‍यास 29जुलाई तक चलेगा।

इस बीच यूक्रेन की जंग से अब ताइवान भी सीख ले रहा है। उसकी कोशिश है क‍ि सेना की एक रिजर्व बटालियन तैयार की जाए। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस साल दुश्‍मन के हमले को विफल करने का अभ्‍यास किया जा रहा है और इसमें यूक्रेन युद्ध से मिले सबक का भी इस्‍तेमाल किया जा रहा है।

ताइवान अपने हान कुआंग अभ्‍यास को साल 1984से अंजाम दे रहा है। इस साल खास बात यह है कि पहली बार रिजर्व सैनिकों को भी अभ्‍यास में शामिल होने के लिए बुलाया गया है। ताइवान इस साल अपने रिजर्व सैनिकों की ट्रेनिंग को काफी बढ़ा दिया है ताकि चीनी हमले के सूरत में रिजर्व सैनिकों को तत्‍काल बुलाया जा सके। ताइवान की संसद ने 8.6अरब डॉलर अतिरिक्‍त खर्च करने की अनुमति दी है ताकि सेना की क्षमता को बढ़ाया जा सके। इस साल ताइवान का रक्षा बजट 17अरब डॉलर को पार कर गया है।

हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ताइवान को लेकर तनाव के बीच बातचीत करने जा रहे हैं। एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि बाइडन और जिनपिंग 4महीने बाद पहली बार बातचीत करेंगे। दोनों नेताओं के बीच बातचीत की कई हफ्तों से योजना बनायी जा रही थी, लेकिन नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा की संभावना ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को और जटिल बना दिया

इस बीच पेलोसी ने कहा है कि हमारे लिए ताइवान के प्रति समर्थन दिखाना महत्वपूर्ण है। जब भी ताइवान की बात आती है तो हमलोगों से किसी ने कभी नहीं कहा कि हम आजादी की बात कर रहे हैं। इसका फैसला ताइवान को करना है। प्रशासन के अधिकारियों ने निजी तौर पर पेलोसी से कहा है कि ताइवान की यात्रा करने से संवदेनशील यथास्थिति बिगड़ सकती है। वहीं, चीनी अधिकारियों का कहना है कि पेलोसी की यात्रा को अमेरिका की नीति में बदलाव के तौर पर देखा जाएगा और इसे उकसावा माना जाएगा।