अफगानिस्तान में तालिबान राज में आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क को तगड़ा झटका लगा हैं। राजधानी काबुल के मिलिट्री अस्पताल में हुए हमले में तालिबान का एक अहम साथी मौलवी हमदुल्लाह मुखलिस मारा गया हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमदुल्लाह मुखलिस पाकिस्तान के पालतू आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के मुखिया का रणनीतिकार था। वो तालिबान की स्पेशल फोर्स बद्री ब्रिगेड का कमांडर भी था। तालिबानी कमांडर की मौत से हक्कानी नेटवर्क को बहुत बड़ा झटका लगा है। इससे पहले हमदुल्ला पाकटिका और खोश्त प्रांतों में तालिबान का शैडो गवर्नर रह चुका था।
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आपको बता दें कि हमदुल्लाह मुखलिस वही पहला शख्स था जो काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद सबसे पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय में घुसा था। ये उस समय सुर्खियों में आया था जब अशरफ गनी की कुर्सी पर बैठे इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुईं। दरअसल, 2 नवंबर को काबुल में एक के बाद एक कई ब्लास्ट हुए थे। इन धमाकों में अब तक 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। जिसमें हमदुल्ला मुखलिस भी शामिल हैं। तालिबान के सत्ता में आने के बाद ये अबतक का सबसे दुस्साहसी हमला है। पहले के हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने ली है जो तालिबान के दुश्मन हैं।
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अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से देश के हालात बिगड़े हुए हैं। दुनिया के कई देशों ने इस हमले की निंदा की है। हाल के हफ्तों में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने कई हमलों को अंजाम दिया है। देश में सत्ता पर काबिज तालिबान के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को बताया कि काबुल में सरदार मोहम्मद दाऊद खान सैन्य अस्पताल के बाहर नागरिकों को निशाना बनाकर विस्फोट किया गया। काबुल के 10वें जिले में दो धमाकों की आवाज सुनी गई। इस हमले की जिम्मेदारी फिलहाल किसी ने नहीं ली हैं।