पाकिस्तान ने जिस तालिबान की मदद की अब वहीं उसके खून का प्यासा हो गया है। शुरुआत में दोनों के बीच जितनी गहरी दोस्ती देखने को मिल रही थी वहीं, अब दोनों के बीच दुश्मनी भी गहराते जा रही है। आने वाले दिनों में दोनों देशों में हालात बेहद खराब होते देखा जा सकता है। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार अफगानिस्तान में अपने फायदे का सोच रही थी लेकिन तालिबान पहले से ही सचेत था और उसे सही मौके की तलाश थी। अब तालिबान उन सारे चीजें के खिलाफ जा रहा है जिसे पाकिस्तान अफगानिस्तान में अमल करना चाहता है। तालिबान के एक्शन से पाकिस्तान की इमरान खान सरकार में खलबली मच गई है। जिसके बाद तालिबानी नेताओं को मनाने के लिए NSA मोईद युसुफ को काबुल भेजा जा रहा है।
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दरअसल, दोनों देश सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर आमने सामने हैं। पाकिस्तान ने हाल ही में डुरंड लाइन पर बाड़बंदी की थी जिसके बाद से तालिबान खासा नाराज है। अब पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए इस महीने काबुल जाएंगे। डॉन अखबार की खबर के अनुसार यूसुफ को काबुल भेजने का फैसला अफगानिस्तान अंतर-मंत्रालयीन समन्वय प्रकोष्ठ की गुरुवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया। तालिबान ने पाकिस्तान को साफ शब्दों में कहा है कि वह सीमा पर बाड़बंदी की अनुमति नहीं देगा।
खबर में बैठक से जारी बयान के हवाले से कहा है कि, NSA के नेतृत्व में पाकिस्तानी अधिकारियों का एक वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल सभी सहायता संबंधी विषयों पर अफगान सरकार के साथ आगे साझेदारी के लिए जल्द ही अफगानिस्तान की यात्रा कर सकता है। हालांकि, यात्रा की तारीख अभी तय नहीं की गई है लेकिन, माना जा रहा है कि 17 से 18 जनवरी के दौरान यह यात्रा हो सकती है।
तालिबान सरकार ने कहा है कि वह ड्यूरंड रेखा (Durand Line) पर पाकिस्तान को किसी भी तरह की बाड़बंदी की अनुमति नहीं देगी। तालिबान ने इस मसले पर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी भी दी है। तालिबान कमांडर मौलवी सनाउल्ला संगीन ने अपने एक बयान में कहा था कि, हम (तालिबान) कभी, किसी भी तरीके की बाड़बंदी की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने (पाकिस्तान) पहले जो भी किया, वो कर लिया। अब हम आगे इसकी इजाजत नहीं देंगे। अब कोई बाड़बंदी नहीं होगी।