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अमेरिका को खुलेआम धमकी देने वाला तालिबान अब उसी से मांग रहा ‘भीख’, कहा- हाल बुरा होते जा रहा पैसे दो…

अमेरिका को खुलेआम धमकी देने वाला तालिबान अब उसी से मांग रहा भीख

अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद तालिबन की इस वक्त हालत ये है कि उसके पास खाने तक के लिए पैसे नहीं बचे हैं। इसे पास अफगान कर्मचारियों को वेतन देने और सरकारी काम के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं। शुरुआत में तालिबान जिस अकड़ में था अब उसकी अकड़ ढ़ीली पड़ने लगी है और जिस अमेरिका को वो धमकी दे रहा था उसी के आगे भीख मांगने के लिए मजबूर हो गया है। ऐस इसलिए क्योंकि, तालिबान ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से अनुरोध किया है कि वो जब्त किए अफगानिस्तान के 10मिनियन डॉलर जारी करके दया और करूणा दिखाएं।

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अपने एक बयान में तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने कहा है कि, इस धन से देश के उन लाखों नागरिकों को मदद मिलेगी जिनको इसकी सख्त जरूरत है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अफगानिस्तान के नए तालिबान शासन लड़कियों और महिलाओं के लिए शिक्षा और नौकरियों के लिए सैद्धांतिक रूप से प्रतिबद्ध हैं। एसोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए तालिबानी विदेश मंत्री ने कहा कि नई सरकार सभी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहती है और अमेरिका के साथ कोई समस्या नहीं है। उन्होंने वाशिंगटन और अन्य देशों से उस धन को जारी करने का आग्रह किया, जो 15अगस्त को तालिबान के सत्ता में आने के बाद जब्त कर लिया गया था। तालिबान के कब्जे के पहले ही अफगानिस्तान प्रति व्यक्ति आय के मामले में दुनिया के सबसे गरीब देशों में शामिल था।

मुत्ताकी ने कहा कि, अफगानिस्तान के खिलाफ प्रतिबंधों का कोई पायदा नहीं होगा। अफगानिस्तान को अस्थर बनाना या अफगान सरकार को कमजोर करना किसी के हित में नहीं है। मुत्ताकी ने इससे पहले भी कई बार पंड पर लगे प्रतिबंधों हटाने के लिए अमेरिका और बाकी पश्चिमी देशों से अनुरोध कर चुके हैं। इधर अमेरिका ने सीधे तौर फंड रिलीज करने से इनकार कर दिया है। अक्टूबर में अमेरिका के डिप्टी ट्रेजरी सेक्रेटरी वैली एडेयमो ने एक अमेरिकी सीनेट समिति को बताया कि, उन्होंने ऐसी कोई स्थिति नहीं देखी जिसमें तालिबान को फंड तक पहुंचने की अनुमति दी जाएदी।

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हालांकि, अफगानिस्तान में मानवीय संकट को गहराता देश भारत, अमेरिका समते कई दूसरे देश अफगान लोगों की मदद के लिए वेदेशी सहायता एजेंसियों के जरिए राहत सामग्री भेज रहे हैं। बता दें कि, पिछले 20 साल से अफगानिस्तान की नागरिक सरकार को अमेरिका समेत कई देशों से भारी मात्रा में पैसा दिया जाता था। अब तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका ने अपने देश के बैंकों में जमा अफगानिस्तान सरकार के सभी फंड को प्रतिबंधित कर दिया है।