अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा तो कर लिया है लेकिन इस वक्त आलम वो है कि अफगानी नागरिक दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए हैं। वहीं, तालिबानियों के सत्ता में काबिज होने के बाद से आतंकी संगठन ISIS-K लगातार तालिबान पर हमले कर रहे हैं और अब तक दोनों ओर से कई लोग मारे जा चुके हैं। ISIS-K तालिबान के ऊपर काबुल से लेकर अलग अलग इलाकों में हमले करता रहा है। इसके साथ ही अफगानिस्तान का एक ऐसा इलाका हैं जहां पर तालिबान कभी नहीं जाते यहां पर ISIS-K का कब्जा है।
अफगानिस्तान के कई इलाकों में तालिबान जाने की जरूरत नहीं करते हैं और इनमें से एक है नंगरहार प्रांत। और यही प्रांत इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन का गढ़ माना जाता है। नंगरहार प्रांत का चपरहार जिला लंबे वक्त तक इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन का गढ़ रहा है। एक मीडिया एजेंसी की रिपोर्ट की मावे तो तालिबान के शासन में आने के बाद से यहां 20 से अधिक बॉडी मिल चुकी है। अभी दो दिन पहली भी एक आमदी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी लेकिन यह हत्या किसने की है, यह किसी को नहीं पता। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में 45 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि इस्लामिक स्टेट इस क्षेत्र में 2014 से ही मौजूद है। तालिबान शासन के दौरान भी सिर्फ दिन के वक्त तालिबान से जुड़े लोग दिखते हैं और रात के वक्त अपने ठिकाने पर पहुंच जाते हैं। लोगों का कहना है कि पिछली सरकार के दिनों में भी ऐसा ही हाल था। लोगों का कहना है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकी मुख्य सड़क से दूर रहते हैं। वह तब ही अपने घरों से बाहर निकलते हैं जब उन्हें किसी को निशाना बनाना होता है। चपरहार के तालिबान गवर्नर ऐनुदीन ने भी माना है कि इलाके में इस्लामिक स्टेट से जुड़े कुछ आतंकवादी हैं।