अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी में अगर सबसे ज्यादा किसी ने मदद की थी तो वो है पाकिस्तान और चीन। इन दोनों देशों के ही दम पर तालिबान ने पूरे अफगान पर कब्जा किया। पाकिस्तान तो खुलेआम दुनिया के सामने गुहार लगा रहा है कि वो तालिबान को समर्थन दें। अब यही तालिबान इन्हीं दोनों देशों के लिए खतरा बनते जा रहा है। खासकर पाकिस्तान और तालिबान के बीच रिश्ते लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। तालिबानी राज में TTP और पाकिस्तान सेना के साथ मुठभेड़ हुई जिसमें चार जवानों की मौत हो गई है। यह पाकिस्तान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है।
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पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की है कि पाकिस्तानी तालिबान के साथ गोलीबारी में उनके चार जवान की मौत हो गई है। पाकिस्तानी सेना ने कहा कि सुरक्षा बलों ने अफगानिस्तान के पास पाकिस्तानी तालिबान के एक पुराने गढ़ में दो ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह इस महीने की शुरुआत में संघर्ष विराम खत्म होने के बाद सशस्त्र समूह और पाकिस्तान सुरक्षा बलों के बीच का सबसे भीषण टकराव है। आतंकियों ने यह हमला उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली कस्बे में किया।
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पाक सेना ने कहा कि, पहली छापेमारी उत्तर पश्चिम में टैंक जिले में की गई। इसमें दो सशस्त्र लड़ाके मारे गए। दूसरी छापेमारी उत्तरी वजीरिस्तान जिले में हुई, जिसमें चार सैनिकों के मारे जाने से पहले एक लड़ाकू को हिरासत में लिया गया था। सुरक्षा बल उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली शहर में संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी कर रहे थे। इसके आगे सेना ने कहा कि, एक आतंकवादी को हथियारों और गोला-बारूद के साथ पकड़ा गया है।