अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तालिबान का गुणगान करने में लगे हैं। लेकिन इसी तालिबान के आने के बाद से पाकिस्तान में आतंकी हमले कई गुना बढ़ गए हैं। अपनी आंखे बंद कर बैठे इमरान खान को अपनी आवाम से ज्यादा चिंता इस वक्त तालिबान की है। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि तालिबान के अफगान में कब्जा के बाद से पाकिस्तान में आतंकी हमले काफी ज्यादा बढ़ गया है।
यह भी पढ़ें- ड्रैगन के जाल में फंस गया तालिबान
दक्षिण एशिया आतंकवाद पोर्टल द्वारा संकलित आकंड़ों की माने तो, तालिबन ने जब से अफगानिस्ता पर कब्जा किया है तब से पाकिस्तान में आतंकवादी हमले काफी तेजी से बढ़ा है। रिपोर्ट में बताय गया है कि, संयुक्त राज्य की सेना के युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से हटने और तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद, पाकिस्तान में घातक आतंकवादी हमले चार साल से अधिक समय में अपने उच्चतम स्तर तक बढ़ गए हैं।
मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, पाकिस्तान में अकेले अगस्त में कम से कम 35 आतंकवादी हमले हुए हैं, जिसमें 52 नागरिकों की मौत हुई है। ये आंकड़े फरवरी 2017 के बाद से सबसे अधिक है। पाकिस्तान में हुए इन हमलों में ज्यादातर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को जिम्मेदार ठहराया गया है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) तालिबान का ही एक आतंकवादी संगठन शाखा है। इसको लेकर यह भी कहा जाता है कि इसे तालिबान से सहायता मिलता है। इसके साथ ही, टीटीपी को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि, उसका उद्देश्य है कि वह पाकिस्तान में हिंसक सैन्य अभियान चलाकर इस्लामाबाद में सरकार को गिराने की मंसा रखता है। इसके अल-कायदा के साथ कई और आतंकी संगठनों से संबंध हैं।
यह भी पढ़ें- रेजिस्टेंस फोर्स के सदस्यों को ढूंढ कर मार रहा तालिबान
बता दें कि, दक्षिण एशिया आतंकवाद पोर्टल (SATP) दक्षिण एशिया में आतंकवाद और कम तीव्रता वाले युद्ध पर सबसे बड़ी वेबसाइट है, यह क्षेत्र में सभी चरमपंथी आंदोलनों के अनुसंधान और विश्लेषण के लिए डेटाबेस और विश्लेषणात्मक संदर्भ बनाता है।