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Putin के खिलाफ जाना पश्चिमी देशों को पड़ रहा भारी, इस बड़े देश को लगा ऐसा झटका कि रो रही पूरी जनता

रूस के खिलाफ जाना Britain को पड़ा भारी

रूस और यूक्रेन बीच जारी जंग का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। जंग में सिर्फ एक वर्ग को नुकसान नहीं होता है बल्कि दोनों वर्गों को ही नुकसान होता है। एक ओर पश्चिमी देश यूक्रेन को बचाने के लिए अपने खजाने खोल रही है तो वहीं दूसरी ओर रूस के खिलाफ कड़े से कड़े प्रतिबंध लगा रही है। जिससे उसकी अर्थव्यवस्था डगमगा जाएगा। लेकिन, रूस को झटका तो जरूर लगा है लेकिन इसका असर पश्चिमी देशों के साथ ही पूरी दुनिया पर भी पड़ा है। रूस हथियारों से लेकर खाने-पीने की चीजों के साथ ही उर्वरक को भी निर्यात करता है। इसके साथ ही पश्चिमी देश ज्यादातर रूसी तेल के भरोसे पर है। ऐसे में रूस पर प्रतिबंध लगातर ये न सिर्फ रूस को कमजोर किए बल्कि खुद भी इस दलदल में फंस गए। आलम यह है कि, दुनिया महांगाई की मार झेल रही है और इस वक्त ब्रिटेना की हालत ज्यादा खराब है।

दुनिया के धनी और विकसित देशों में शुमार ब्रिटेन में कम आय वाले अधिकतर लोग दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। ब्रिटेन में खाद्य संबंधित मुद्दों पर काम करने वाली संस्था द फूड फाउंडेशन ने एक सर्वेक्षण में बताया कि हालात देश में 20लाख से अधिक वयस्क भोजन का खर्च तक नहीं जुटा पा रहे है। देश में ईंधन पर खर्च से बचाने के लिए पकाए जाने वाले भोजन के बजाए बिना पकाए खाने वाले भोजन को प्राथमिकता दे रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबकि, लाखों लोगों ने पहले की तुलना में खाना-पान में काफी कटौती कर दी है। देश में खाद्य पदार्थों की कीमतों में सालाना 7प्रतिशत का इजाफा हो रहा है। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में मुद्रास्फीति 10तक पहुंच सकती है, क्योंकि ईंधन और भोजन की बढ़ती कीमतों ने घरेलू बजट पर काफी दबाव डाला है। संस्था ने यह भी बताया कि ब्रिटेन के लोग खाना पकाने से परहेज कर रहे हैं। इसके विकल्प के रूप में ऐसे भोजन को प्राथमिकता दे रहे हैं,जिन्हें पकाने की आवश्यकता नहीं होती। वहीं, इस हालत में सरकार लोगों की मदद के लिए आगे आई है और अगले वित्तय वर्ष में ईंधन और उर्जा में राहत देने के लिए 2200करोड़ डॉलर खर्ज करेगी।

बता दें कि, आने वाले दिनों में ये समस्या सिर्फ यहीं नही बल्कि पूरे यूरोप में देखने को मिल सकता है। क्योंकि, अमेरिका, नाटो संग पूरे पश्चिमी देश इस वक्त रूस के खिलाफ हैं। ऐसा भी हो सकता है कि पुतिन भी आने वाले दिनों में पश्चिमी देशों के खिलाफ एक्शन लेते हुए कई चीजों को निर्यात करने से प्रतिबंध लगा दें।