Titanic: टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने गई टाइटन पनडुब्बी भयानक हादसे के बाद अटलांटिक महासागर में डूब गई है और इस पर सवार सभी 5 लोग मारे गए हैं। इस पर सवार पाकिस्तानी अरबपति सुलेमान दाऊद और उनके बेटे समेत 5 लोगों की मौत हो गई है। बचावकर्मियों ने इस हादसे की पुष्टि की है और साथ ही यह भी कहा है कि लाशों को निकाल पाना संभव नहीं है। इस टाइटन पनडुब्बी का पता एक रिमोट से चलने वाले जहाज ने लगाया है। बताया जा रहा है कि मलबा टाइटैनिक (Titanic) के मलबे से कुछ सौ फुट की दूरी पर पाया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अटलांटिक महासागर का यह इलाका बहुत रहस्यों से भरा हुआ है। जो एक तरह से अंधेरी दुनिया की तरह से है।
इस इलाके को मिडनाइट जोन कहा जाता है
टाइटैनिक (Titanic) का मलबा अटलांटिक महासागर में 4 किमी की गहराई में स्थित है। इस इलाके को मिडनाइट जोन कहा जाता है जहां सूर्य की रोशनी नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में किसी अंडरवाटर वीकल का रास्ता भटकना आसान होता है। पनडुब्बी जिस रोशनी की मदद से आगे बढ़ती हैं, वह कुछ मीटर तक ही होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समुद्री इलाके में घुप अंधेरा है और पानी बहुत ज्यादा ठंडा होता है। समंदर की सतह पर कीचड़ है और यह हिलती रहती है। आप केवल सोनार की मदद से ही अपनी स्थिति का पता लगा सकते हैं। इतनी गहराई में रेडॉर भी काम नहीं करता है।
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समुद्री विशेषज्ञों के मुताबिक समुद्र की सतह पर दबाव ऊपरी सतह की तुलना में 390 गुना ज्यादा होता है। इसलिए यहां जाने वाली पनडुब्बी की दीवार को काफी मोटा बनाया जाता है ताकि वह दबाव को झेल सके। समुद्र के अंदर हवा और लहरों की वजह से तेज करंट बनता है। इससे समुद्र की सतह पर पड़े सामान की जगह भी बदल जाती है। यह दबाव कुछ वैसा ही होता है जैसे अंतरिक्षयात्री स्पेस में जा रहा हो। टाइटैनिक जहाज का मलबा डूबने के करीब 100 साल बाद भी गल रहा है और टूट रहा है।