पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बेनज़ीराबाद ज़िले की 2 जून, 2023 का दिन उस घर के लिए बिल्कुल आम था।लेकिन,दिल ढलने से पहले इस घर पर बदनसीबी की छाया पड़ने लगी। इस शांत घर में कोहराम मच गया। अचानक कुछ हथियारबंद लोग घर में आ धमके।घर का मालिक दिलीप कुमार कुछ समझ पाते,इससे पहले उनकी चौदह साल की बेटी सोहाना शर्मा कुमारी की तरफ़ हथियारबंद लोग लपके।दिलीप कुमार ने अपनी बेटी को बांहों में भर लिया,लेकिन उनके आलिंगन से बेटी छीन ली गयी और पिता बेबस होकर उस चौदह साल की बेटी सोहाना को सूखी निगाहों से देखता रहा।
The heart-wrenching tale of 14 years old Sohana Sharma Kumari, a young #Hindu girl, torn from her loving family’s embrace, her dreams shattered. Abducted at gunpoint in the Benazirabad district of Sindh province in #Pakistan, she was #JusticeForSohana #HumanityPrevails
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— Sukhi Chahal ll ਸੁੱਖੀ ਚਾਹਲ (@realSukhiChahal) June 11, 2023
सोहाना शर्मा कुमारी को बंधक बनाने वालों ने सबसे पहले जबरन उसका इस्लाम में धर्मांतरण कराया। उसकी पहचान और वह पूरा अस्तित्व ही छीन लिया गया,जिसके साथ वह बड़ी हो रही थी। इस्लाम में धर्मांतरण करने वालों ने उसे काज़ी अहमद नाम के एक शख़्स के साथ शादी के लिए मजबूर किया गया और उस माहौल के हवाले कर दी गयी,जिसकी कल्पना उसने सपने में भी नहीं की थी।
दिल दहला देने वाली इस त्रासदी के सामने कोई मदद नहीं करने वाला नहीं आया।यहां तक कि आवाज़ में नहीं उठी। इस चुप्पी पर सवाल इसलिए उठ रहा है,क्योंकि मानवाधिकारों की आवाज़ उठाने वाले भी ख़ामोश नज़र आये। आख़िर कहां हैं वे तथाकथित एक्टिविस्ट, जो इस तरह के जघन्य कृत्य के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने का दावा करते रहे हैं ?
पाकिस्तान में हिंदुओं पर मचाये जा रहे कोहराम वहां के जीवन का हिस्सा है।लेकिन,इस कोहराम की सबसे बड़ी त्रासदी उन हिंदू लड़कियों के हिस्से आती है,जो ठीक से बड़ी भी नहीं हुई होती हैं।अचानक से हथियारबंद लोग आते हैं,घर पर दावा बोल देते हैं और बेटियों या बहनों को उठाकर ले जाते हैं।उन्हें सबसे पहले इस्लाम में धर्मांतरित कराया जाता है और फिर उनकी शादियां ऐसे अधेड़ों से कर दी जाती हैं,जो हमेशा के लिए उनके सपनों को ज़िबह कर देते हैं। सवाल है कि क्या इस्लाम के नाम पर यह जो कुछ हो रहा है,वह जायज़ है,या फिर पाकिस्तान में यह नये तरह का इस्लाम है,जो पैग़म्बर मुहम्मद के इस्लाम से पूरी तरह अलहदा नहीं पैग़म्बर के सिद्धांतों और आदर्शों का विरोधी है ?
सवाल ढेरों हैं,मगर पाकिस्तान में सोहाना जैसी हिंदू लड़कियों के लिए सवाल एक ही है कि आख़िर उनके जीन का अधिकार का क्या,जिसे किसी इंसान ने नहीं,बल्कि प्रकृति से मिला है ? उसके सपनों का क्या,जिसे उसने अपने मां-पिता,भाई-बहनों और रिश्तेदारों के साथ देखा है ?