यूक्रेन जंग को लेकर अमेरिका और नाटो ने साफ कहा है कि जो भी देश रूस का साथ देंगे या उसके साथ व्यापार करेंगे वो उस देश को पूरी तरह से बर्बाद कर देंगे। जिसके बाद से जितने भी छोटे-मोटे देश हैं जो रूस संक व्यापार करते थे उन्होंने नाता तोड़ दिया है। भारत और रूस की दोस्ती पुरानी है और अमेरिका चाहता है कि इंडिया पुतिन के खिलाफ बोलें। लेकिन, भारत को क्या करना है यह अच्छे से पता है। भारत ने रूस से जब तेल खरीदा तो अमेरिका भन्ना उठा और धमकी देने लगा कि भारत को इसका अंजाम भुगतना पड़ सकता है। लेकिन, भारत ने इसपर भी कहा कि उसे दुनिया से सिखने की जरूरत नहीं है कि क्या करान है और क्या नहीं। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ हुई वोटिंग में भी भारत खुद को अलग कर लिया, जिसके बादे पुतिन काफी खुश हुए थे। अब भारत ने यूक्रेन संकट को लेकर जो बयान दिया है उसकी पूरी दुनिया में तारिफ होने वाली है। भारत के इस स्टेटमेंट के बाद दुनिया एक बार फिर से भारत संग अपने रिश्ते जोड़ने के लिए मजबूर हो जाएगी।
दरअशल, भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस वक्त अपने तीन दिवसीय तुर्कमेनिस्तान के दौरे पर गए हैं। उन्होंने अश्गाबात में कहा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष को लेकर अन्य देशों की अपेक्षा भारत का रूख दृढ़ और सुसंगत रहा है। उन्होंने कहा कि, भारत यूक्रेन में बिगड़ती मानवीय स्थिति को लेकर काफी चिंतित है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष पर भारत का रूख दृढ़ और सुसंगत रहा है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, हमने इस बात पर जोर दिया है कि वर्तमान वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और क्षेत्रीय अखंडता और राज्यों की संप्रभुता के सम्मान में निहित है।
इसके आगे राष्ट्रपति ने कहा कि हम बिगड़ती मानवीय स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। हमने हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है। हमने यूक्रेन को मानवीय सहायता भी प्रदान की है।
इसी के साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि, भारत और तुर्कमेनिस्तान शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान का मजबूती से समर्थन करते हैं तथा युद्ध की वजह से तबाह इस देश की संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता पर जोर देते हैं। उन्होंने कहा कि, अफगानिस्तान का पड़ोसी होने के नाते दोनों देश काबुल के घटनाक्रम को लेकर स्वाभाविक रूप से चिंतित हैं। हम शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान का मजबूती से समर्थन करते हैं और उसकी संप्रभुता, एकता तथा क्षेत्रीय अखंडता पर जोर देते हैं।