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इस ब़ड़े देश ने कहा PM Modi से रिश्ता मजबूत करना ही अच्छा, बहुत जरूरी है वरना कोई भी…

ब्रिटेन ने कहा- भारत के साथ संबंध और बढ़ाना ही फायदे में रहेंगे

भारत का हर एक कदम दुनिया के लिए महत्व रखती है। भारत क्या बोलता है या क्या करता है हर एक चीज मायने रखती है। वजह यह है कि आज दुनिया के बड़े से बड़े देश भारत के साथ जुड़ना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की नजरों में आज देश को काफी ऊपर पहुंचा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से भारत इंटरनेशनल लेवल पर काफी मजबूत हुआ है। हर एक मामलों में भारत को चर्चा में शामिल किया जाता है। यहां तक कि, यूक्रेन-रूस जंग में भी दुनिया भारत के रूख की ओर देख रही है। दुनिया के कई देशों का कहना है कि भारत इस जंग को रुकवाने में अहम भूमिका निभा सकता है। इसके साथ सुपर पावर अमेरिका और ब्रिटेन, फ्रांस जैसे देश भी भारत के साथ अच्छे संबंध बना कर रखना चाहते हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी भारत दौरे पर जब आए थे तो उन्होंने भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर बात की थी। अब उनकी विदेश मंत्री ने कहा है कि, भारत के साथ अपने संबंध और बढ़ाना चाहती हैं।

ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने लंदन में एक प्रमुख विदेश नीति संबोधन में कहा कि ब्रिटेन अपने सहयोगियों के साथ स्वतंत्रता के एक नेटवर्क का निर्माण करने के लिए भारत के साथ अपने संबंधों को और बढ़ाना चाहता है। ट्रस ने बुधवार को लॉर्ड मेयर के ईस्टर भोज में अपने मुख्य संबोधन के दौरान रूस और चीन को अपने आक्रामक रुख पर कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा कि ब्रिटेन अल्पकालिक लाभ के स्थान पर पर संप्रभुता के लिए सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता देता है। विदेश मंत्री ने कहा कि, यूक्रेन का इस युद्ध में जीतना पश्चिम के लिए एक सामरिक अनिवार्यता है। हमारी समृद्धता और सुरक्षा हर हालत में मजबूत भागीदारी के नेटवर्क पर बनी होनी चाहिए। इसी को मैंने स्वतंत्रता के नेटवर्क के रूप में बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसी दुनिया में जहां दुर्भावनापूर्ण तत्व बहुपक्षीय संस्थानों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समूह बड़ी भूमिका निभाएंगे।

इसके आगे उन्होंने कहा कि, नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन), जी7 और राष्ट्रमंडल जैसी भागीदारियां बहुत आवश्यक हैं। हम भारत, जापान और इंडोनेशिया जैसे देशों के साथ अपने संबंध और मजबूत करना चाहते हैं। हमें उन मजबूत मूल्यों पर काम करना चाहिए जो जी7 में हमारे पास हैं। पिछले साल जी7 में ब्रिटेन के अध्यक्षरहने के दौरान मैं ऑस्ट्रेलिया, कोरिया, भारत, दक्षिण अफ्रीका और आसियान को इसमें मेज पर लेकर आई थी और ऐसा करना बहुत महत्वपूर्ण था।