यूक्रेन पर रूस के हमला करने के पीछ एक दो कारण नहीं बल्कि कई सारे हैं। पश्चिमी देश इस वक्त जेलेंस्की को मासूम दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, यही यूक्रेन पिछले काफी समय से डोनबास में मासूमों और निहत्थों की जब जान ले रहा था तब यह किसी को नजर नहीं आया। डोनबास में कम से कम 15हजार लोगों को यूक्रेन ने मौत के घाट उतार दिया। रूस लगातार समझाता रहा लेकिन, जेलेस्की कत्लेआम मचाते रहे। अब जब रूस ने चढ़ाई कर दी तो दुनिया के सामने चिल्लाना शुरू कर दिया। जेलेस्की पश्चिमी देशों की ताकत के चलते रूस से जंग लड़ रहे थे। इस जंग में यूक्रेन को हर ओर से पश्चिमी देश मदद कर रहे हैं। इसके बाद भी वो रूस को कुछ नहीं बिगाड़ पा रहे। बल्कि, उलटा ही पश्चिमी देशों में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है। ये वही जेलेंस्की हैं जो मौका पाते ही अपनी अवकात दिखा दिए हैं। भारत के खिलाफ उन्होंने जो कदम उठाया है वो उन्हें महंगा पड़ेगा।
यूक्रेन सरकार ने रूस के 'प्रोपेगेंडा' को फैलाने का आरोप लगाते हुए तीन भारतीय लोगों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। तीन भारतीय के अलावा अन्य देशों के वे लोग भी ब्लैकलिस्ट हुए हैं जो रूस का समर्थन कर रहे हैं। ये लिस्ट इस महीने की शुरुआत में सेंटर फॉर काउंटरिंग डिसइन्फॉर्मेशन (CCD) की ओर से पब्लिश की गई है। CCD की स्थापना पिछले साल राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक विभाग के रूप में की थी।
फरवरी में रूस के यूक्रेन पर हमले के साथ ही CCD लगातार दुनिया में युद्ध के कवरेज का विश्लेषण करते हुए रिपोर्ट प्रकाशित करता है। इस लिस्ट में लगभग 75नाम शामिल हैं, जिसमें भारत के पूर्व राजनयिक पीएस राघवन का नाम भी शामिल हैं। राघवन 2014से 2016तक रुस में भारत के राजदूत के रूप में भी रह चुके हैं। उन्हें लिस्ट में शामिल करने की वजह उनका एक बयान बताया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि रूस के खिलाफ यूक्रेन नाटो की तरह है।
सिर्फ इतना ही नहीं, इस लिस्ट में सैम पित्रोदा का भी नाम शामिल है जो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और मनमोहन सिंह के सलाहकार रह चुके हैं। सैम पित्रोदा को उनके बयान के चलते इस लिस्ट में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा था कि, दुनिया को रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ समझौता करना चाहिए। उनसे जब ब्लैकलिस्ट होने के बारे में पूछा गया तो वो हैरान रह गए, उ्होंने कहा कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
भारतीय पत्रकार को भी यूक्रेन ने किया ब्लैकलिस्ट
यूक्रेन को अपनी असलियत से डर लगता है। इसलिए भारतीय पत्रकार को भी ब्लैकलिस्ट किया है। ये पत्रकार सईद नकवी हैं जो तीसरे भारतीय हैं जिन्हें ब्लैकलिस्ट किया गया है। इसका कारण उसने बताया है कि, उन्होंने कहा था कि यूक्रेन की सेना की जीत एक भ्रम और प्रोपोगेंडा से ज्यादा कुछ नहीं है, जिसका जन्म पश्चिमी देशों में हुआ है।