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जंग के बीच लाखों डॉलर और यूरो लेकर भाग रही थी Ukraine के पूर्व सांसद की पत्नी, पुलिस ने दौड़ाकर…

Ukraine से लाखों डॉलर और यूरो लेकर भाग रही थी पूर्व सांसद की पत्नी

रूस इस वक्त यूक्रेन पर भारी गोलाबारी कर रहा है। इस बीच लोग यूक्रेन में अपना घर बार छोड़कर दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं। साथ ही कई देशों ने अपना नागरिकों को वहां से निकले के लिए कहा है। भारत ने युद्धस्तर पर निकासी करते हुए अपने सभी नागरिकों को देश वापल ला दिया था। जो लोग अभी बचे हुए हैं उनकी भी निकासी की जा रही है। इस बीच हंगरी सीमा पर यूक्रेन के एक पूर्व सांसद की पत्नी पकड़ी गई है जिसके पास से 2.80करोड़ डॉलर (213करोड़ रुपए) और 13लाख यूरो करीब (11करोड़ रुपए) मिले हैं।

यूक्रेन के पर्व सांसद की पत्नी सूटकेशों में यह राशि भरकर हंगरी में घुसने की कोशिश कर रही थी, इस दौरान उसे बॉर्डर गार्ड ने रोक लिया। यह राशि घोषित करने के बाद ही उसे छोड़ा गया। नेक्स्टा मीडिया ने सोमवार को बताया कि वह यूक्रेन के पूर्व सांसद कोतवीत्स्की की पत्नी है। उसने युद्धग्रस्त यूक्रेन छोड़ने से पहले अपने पास मौजूद राशि को सूटकेसों में भर कर अपने वाहन में लाद दिया था। वह जकारपट्टिया प्रांत के रास्ते से हंगरी में प्रवेश करने की कोशिश कर रही थी, तभी उसे सीमा रक्षकों ने पकड़ लिया। हंगरी के कानूनों के मुताबिक उसे यह राशि बतौर आय घोषित करने के बाद ही देश में घुसने दिया गया।

यूक्रेन पर रूस के जंग का आज 26वां दिन है और यूक्रेन लगातार गोले बरसा रहा है। भारी पैमाने पर यूक्रेन को नुकसान हुआ है। लाखों लोग देश छोड़कर जा चुके हैं। यूक्रेन के राष्ट्र्रपति जेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से सीधी बात की पेशकश की है और दोनों देशों के बीच कई दौर की चर्चा हो चुकी है, लेकिन जंग रोकने की दिशा में अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है।

इस बीच रूस को रोकने के लिए अमेरिका बड़ा दांव खेलने जा रहा है। अब सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन यूरोपीय देशों से बात करके रूस को रोकने की रणनीति तैयार करेंगे। इसके लिए वह 25 मार्च को पोलैंड की यात्रा करेंगे। व्हाइट हाउस के मुताबिक, जो बाइडन पोलैंड के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। इस दौरान वह यह भी बताएंगे कि मानवीय संकट को रोकने के लिए अमेरिका अपने सहयोगी देशों के साथ मिलकर क्या-क्या कर रहा है। प्रेस सचिव जेन साकी ने रविवार रात एक बयान में कहा कि बाइडन वहां के नेताओं से मिलने के लिए पहले ब्रसेल्स और फिर पोलैंड जाएंगे। दरअसल, यूक्रेन संकट के समय पोलैंड सबसे बड़े शरणार्थी देश के रूप में उभरकर सामने आया है और रूस के खिलाफ उसने काफी तीखी प्रतिक्रिया दी है।