यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग इनके बीच नहीं है। बल्कि, पश्चिमी देशों और पुतिन के बीच ये जंग है। क्योंकि, पश्चिमी देश यूक्रेन को पूरी तरह से मदद कर रहे हैं। हथियार, तोप, टैंक, फाइटर जेट्स, मिसाइल के साथ ही आर्थिक मदद भी कर रहे हैं। लेकिन, रूस के साथ इस वक्त कौन खड़ा है सामने से तो कोई नहीं। पश्चिमी देशों ने धमकी दे रखी है कि जो भी देश रूस से व्यापार, संबंध या उसकी मदद करेगा उसे अंजाम भुगतना होगा। लेकिन, यही पश्चिमी देश यूक्रेन को पूरी तरह से मदद कर रहे हैं। लेकिन, इसके बाद भी यूक्रेन और पश्चिमी देश ये जंग हार रहे हैं। ऐसे में अब ये पुतिन के बीमार होने और इस्तीफा देने का नया प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं। पश्चिमी देश संग यूक्रेन मिलकर जमकर झूठ बोल रहे हैं।
यूक्रेन को भारी नुकसान हुआ है। कई रिपोर्टों ने यह भी बताया है कि, इस जंग के बाद रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों ने जो प्रतिबंध लगाए उन्हें नहीं पता था कि, इसका असर उलटा उन्हीं पर पड़ेगा। हुआ यह कि, रूस अर्थव्यवस्था गिरने के बजाय उठी है। उसकी करेंसी रूबल मजबूत हुई है। व्यापार में फायदा हुआ है। इधर यूरोप देशों में महंगाई तेजी से बढ़ रही है, ब्रिटेन में तो लोग अपनी दैनिक चीजों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। पूरे यूरोप में तेल के दामों में भारी वृद्धि आई है। साथ ही गैस के दाम आसमान छू रहे हैं। पूरी दुनिया में गेहूं का आकाल देखने को मिल रहा है। यूक्रेन का हालत इस वक्त यह है कि वो पूरी तरह से तबाह हो चुका है। लेकिन, मनौवैज्ञानिकी रूप से वो रूस को कमजोर करना चाहता है। ताकि, लोगों को झूठ बोल कर रूस के खिलाफ खड़ा कर सके।
सबसे बड़ी बात कि, इस जंग में सिर्फ एकतरफा खबरें दिखाई जा रही हैं। पश्चिमी देश जो चाह रहे हैं दुनिया वही देख रही है। यूक्रेन को लेकर लगातार सहानुभूति का माहौल बनाया जा रहा है। ये वही पश्चिमी देश हैं जो अफानिस्तान को पूरी तरह बर्बाद कर दिए, ये वही हैं जो सीरिया को खत्म कर दिए। ये वही हैं तो इस तरह से न जाने कितने देशों को कंगाल कर दिए। लेकिन, जब यूक्रेन पर रूस ने सैन्य अभियान चलाया तो इन्होंने जंग का नाम दे दिया।
यूक्रेन के आर्मी इंटेलिजेंस के जनरल ने दावा किया है कि रूस में व्लादिमीर पुतिन के तख्तापलट की तैयारी चल रही है। यूक्रेन के प्रमुख मेजर जनरल कायरलो बुडानोवन ने ये भी दावा किया है कि अगस्त तक रूस-यूक्रेन युद्ध में निर्णायक मोड़ आएगा और नवंबर तक रूसी सेना यूक्रेन से पराजित होकर लौटेगी। ये पश्चिमी देशों की भाषा है कि, जब जंग न जीत सको तो गलत खबरें फैलानी शुरू कर दो ताकि लोगों से सच छुपाया जा सके। यूक्रेनी जनरल ने ये भी दावा किया कि पुतिन शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तौर पर बहुत कमजोर हो चुके हैं, उन्हें कैंसर है। पुतिन नहीं बल्कि, जेलेंस्की शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तौर पर कमजोर हो चुके हैं। सिर्फ वही नहीं बल्कि, पश्चिमी देशों को भी गहरा चोट लगा है कि, आखिर वो भी पुतिन के आगे नहीं टिक पाए।