अमेरिका आज जो रूस पर प्रतिबंध लगा रहा है और दुनिया को डरा रहा है कि वह पुतिन की मदद न करें तो। इसके पीछे असली वजह अमेरिका और नाटो ही रहा है। जब मिंस्क समझौते के मुताबकि यह तय हो गया था कि यूक्रेन नाटो में कभी भी शामिल नहीं होगा। तो भी अचानक से यूक्रेन के ऊपर नाटो में शामिल होने का भूत कहां से सवार हो गया। यूक्रेन ने तो डोनबास में इतना आतंक मचाया हुआ था कि यहां 15 हजार लोगों को मौत के घाट उतारा गया। अमेरिका और नाटो का प्लान था कि वह यूक्रेन को अपने हाथों में लेकर रूस पर दबाव बनाए और रूस को कंट्रोल कर सकें। ऐसे में यूक्रेन पर जंग की वजह पश्चिमी देश ही रहे हैं। वहीं, अब जेलेंस्की ने रूस को खुली चेतावनी जारी की है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादीमीर जेलेंस्की इस वक्त हिरो बनने के चक्कर में अपने लोगों की बली चढ़ा रहे हैं। वो अपने इशारों पर नहीं बल्कि नाटो के इशारों पर काम कर रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि वो जंग जीत जाएंगे। रूस का कहना है कि अगर वह चाहे तो कुछ ही सेकेंड्स में यह युद्ध खत्म कर दें। लेकिन, वह आम नागरिकों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए जंग लड़ रहा है। ऐसे में जेलेंस्की नाटो के इशारों पर आम जनता के हाथों में बंदूक थमा कर हिरो बन गए हैं और दुनिया के सामने रूस तो आतंकवाद घोषित कर दिए हैं। अब जेलेंस्की का कहना है कि रूस उनकी बात मान लें, वर्ना उसे कई पीढ़ियों तक इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि, रूस के पास एकमात्र रास्ता है कि वह बातचीत करे। जेलेंस्की एक बार फिर से रूस को उकसा रहे हैं और कहीं ऐसा न हो की इस बार अंजाब बेहद बुरा हो और यूक्रेन पूरी तरह खत्म हो जाए।
जेलेंस्की ने एक वीडियो संदेश में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि यह बिना देरी किए बात करने का समय है। उन्होंने कहाकि मैं चाहता हूं कि अभी हर कोई मेरी बात सुने। विशेषकर लोग मुझे मॉस्को में सुनें। यह मिलने का समय है, यह बात करने का समय है, यह यूक्रेन के लिए क्षेत्रीय अखंडता और न्याय बहाल करने का समय है, नहीं तो रूस को इस तरह के नुकसान का सामना करना पड़ेगा कि कई पीढ़ियों पर उसका असर होगा।