जब जगं होती है इसमें नुकसान ना सिर्फ एक देश का होता बल्कि हमला करने वाले के साथ ही पुरी दुनिया का होता है। रूस ने जो यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किया है उसका असर ना सिर्फ इन दोनों देशों पर बल्कि दुनियाभर पर पड़ रहा है। इस आग में घी डालने का काम नाटो और अमेरिका कर रहे हैं। हमले जब भी रूकने के मोड पर आ रहे हैं तो अमेरिका या तो रूस के खिलाफ कोई प्रतिबंध लगा दे रहा है या फिर यूक्रेन को जंग लड़ने के लिए भारी मात्रा में हथियार सप्लाई कर दे रहा है। इससे यह जंग और भी भड़क जा रही है क्योंकि, पुतिन ने साफ कहा था कि, जो भी देश यूक्रेन की मदद करेगा वो उसे इसमें शामिल मानेंगे। रूस दुनिया का महाशक्तिशाली देशों में से एक है और ये बात जेलेंस्की को जितनी जल्दी समझ आ जाए उतना ही अच्छा है। अमेरिका और नाटो के दम पर जंग लड़ रहे जेलेंस्की सिर्फ अमेरिका और नाटो के अहम की लड़ाई लड़ रहे हैं। क्योंकि, उन्हें भी अच्छे से पता है कि, ये जंग वो कभी नहीं जीत पाएंगे। इस बार कई बार उनका दर्द छलक कर बाहर आ चुका है कि रूस हमला रोक दे। अब एक बार फिर से उन्होंने अपील की है रूसी सैनिक ये जंग किसी तरह रोक दें।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शनिवार देर रात रूसी भाषा में दिए अपने वीडियो संबोधन में रूसी सैनिकों से यूक्रेन में युद्ध न लड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि रूस के सैन्य अधिकारी भी जानते थे कि यूक्रेन युद्ध में हजारों रूसी सैनिक मारे जा सकते हैं। जेलेंस्की ने कहा कि रूस युद्ध के शुरुआती हफ्तों में नष्ट होने वाली अपनी सैन्य टुकड़ियों में नए जवानों की भर्ती कर रहा है, जिन्हें 'जंग लड़ने का अनुभव और प्रेरणा बेहद कम है', ताकि इन टुकड़ियों को युद्ध में दोबारा उतारा जा सके।
उन्होंने कहा कि रूस के कमांडर पूरी तरह से समझते हैं कि आने वाले सप्ताह में हजारों सैनिक मारे जाएंगे और हजारों अन्य घायल होंगे। अपील तक तो बात ठीक थी लेकिन, जेलेंस्की अब भी अमेरिका और नाटो की भाषा बोल रहे हैं। जेलेंस्की का कहना है कि, रूसी कमांडर अपने सैनिकों से झूठ बोल रहे हैं कि युद्ध लड़ने से इनकार करने पर उनके खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जा सकती है। जंग हार रहे यूक्रेन को बचाने के बजाय जेलेंस्की भाषणबाजी कर रहे हैं। 50 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन छोड़ कर जा रहे हैं और हर दिन रूसी सेना यूक्रेन के शहरों पर कब्जा जमा रही है लेकिन, यूक्रेनी राष्ट्रपति का अकड़ कम नहीं हो रहा है। उनका कहना है कि, हर रूसी सैनिक अभी भी अपनी जान बचा सकता है। आपके लिए हमारी भूमि पर आकर अपनी जान कुर्बान करने से बेहतर है कि आप रूस में रहकर जीवित रहें।