यूक्रेन पर हमला किए रूस को एक महीने से ऊपर हो गया है और इस जंग में यूक्रेन में रूसी सैनिकों ने भारी तबाही मचाई है। रूसी सैनिक लगातार एक-एक कर यूक्रेन के शहरों पर कब्जा कर रहे हैं। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदोमिर जोलेंस्की को लगा था कि, अमेरिका और नाटो उन्हें बचाने आएंगे। लेकिन, किसी भी पश्चिमी देश ने रूस के खिलाफ अपनी सेना यूक्रेन में नहीं उतारी। अमेरिका और नाटो तो यही चाहते ही थे कि यूक्रेन पर हमला होते ही वो रूस पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर देंगे जिससे, पुतिन का देश आर्थिक मार झेलागा और वो कमजोर हो जाएंगे। अगर इस जंग में किसी को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है तो वो हैं पश्चिमी देश। यह बात यूक्रेन को भी अब धीरे-धीरे समझ आने लगी है कि पश्चिमी देशों सिर्फ जंग को भड़काने का काम किया है। अब जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन में काफी बर्बादी हो गई है और वो समझौता करने के लिए तैयार हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन तटस्थता की घोषणा करने और देश के बागी हुए पूर्वी इलाकों पर समझौता करने को तैयार है। उन्होंने यह घोषणा रूस और यूक्रेन के बीच मंगलवार को युद्ध रोकने लिए होने वाली अगले दौर की बातचीत से पहले की। हालांकि, जेलेंस्की ने दोहराया कि केवल रूसी नेता से आमने सामने की बातचीत से ही युद्ध समाप्त हो सकता है। इस बीच रूसी वार्ताकार इस्तांबुल पहुंच गए हैं। यूक्रेन से अगली दौर की वार्ता करने के लिए रूसी प्रतिनिधि सोमवार को इस्तांबुल पहुंच गए। यह जानकारी तुर्की मीडिया की ओर से दी गई है। तुर्की की निजी संवाद एजेंसी डीएचए ने बताया कि रूसी सरकार का विमान सोमवार को इस्तांबुल हवाई अड्डे पर उतरा। दोनों पक्षों का मंगलवार और बुधवार को वार्ता करने का कार्यक्रम है।
बता दें कि, इससे पहले वीडियो कांफ्रेंस तथा आमने-सामने की बातचीत युद्ध को रोकने के मुद्दे पर प्रगति करने में असफल रही थीं। एक स्वतंत्र रूसी मीडिया संस्थान को दिए साक्षात्कार में जेलेंस्की ने संभावित रियायत का संकेत देने के साथ यह भी कहा कि यूक्रेन की प्राथमिकता अपनी संप्रभुता को सुनिश्चित करने और मॉस्को को उनके देश के हिस्से को अलग करने से रोकना है जिसके बारे में कुछ पश्चिमी देशों का कहना है कि यह रूस का लक्ष्य है। उन्होंने कहा लेकिन, सुरक्षा गारंटी और तटस्थता, हमारे देश का गैर परमाणु दर्जा कायम रखने के लिए हम तैयार हैं। जेलेंस्की ने यह भी जोर देकर कहा कि किसी भी समझौते में उसे सुरक्षा की गारंटी चाहिए।
उन्होंने कहा, सुरक्षा गांरटी और तटस्थता, हमारे देश के गैर परमाणु दर्जे को लेकर बात करने को हम तैयार हैं। जेलेंस्की ने पहले भी इन उपायों का सुझाव दिया था लेकिन इतने पुख्ता तरीके से अपनी बात नहीं की थी। माना जा रहा है कि जेलेंस्की की नवीनतम टिप्पणी से इस्तांबुल में होने वाली वार्ता को गति मिल सकती है।