यूक्रेन पर रूस के हमला करने के पीछ एक दो कारण नहीं बल्कि कई सारे हैं। पश्चिमी देश इस वक्त जेलेंस्की को मासूम दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, यही यूक्रेन पिछले काफी समय से डोनबास में मासूमों और निहत्थों की जब जान ले रहा था तब यह किसी को नजर नहीं आया। डोनबास में कम से कम 15हजार लोगों को यूक्रेन ने मौत के घाट उतार दिया। रूस लगातार समझाता रहा लेकिन, जेलेस्की कत्लेआम मचाते रहे। अब जब रूस ने चढ़ाई कर दी तो दुनिया के सामने चिल्लाना शुरू कर दिया। जेलेस्की पश्चिमी देशों की ताकत के चलते रूस से जंग लड़ रहे थे। इस जंग में यूक्रेन को हर ओर से पश्चिमी देश मदद कर रहे हैं। इसके बाद भी वो रूस को कुछ नहीं बिगाड़ पा रहे। बल्कि, उलटा ही पश्चिमी देशों में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है। इसके साथ ही यूक्रेन के एक गलती के चलते पूरी दुनिया में इसका असर देखने को मिल सकता है। वहीं, इसे जब लेकर सवाल उठने लगा तो जेलेंस्की इसके लिए रूस को जिम्मेदार ठहराने लगे।
दरअसल, रूस और यूक्रेन ने सोमवार को एकदूसरे पर दक्षिणी यूक्रेन में यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर गोलाबारी करने के आरोप लगाये। रूस ने दावा किया कि यूक्रेन की गोलाबारी से आग लग गई और कर्मचारियों को दो रिएक्टरों से उत्पादन कम करने के लिए मजबूर होना पड़ा, वहीं यूक्रेन ने रूसी सैनिकों पर वहां हथियारों के भंडारण के आरोप लगाए। परमाणु विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि युद्ध की शुरुआत में रूस द्वारा कब्जा किए गए ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा स्टेशन पर अधिक गोलाबारी खतरे से भरी हुई है। क्रेमलिन ने सोमवार को उस बयान को दोहराया जिसमें दावा किया गया था कि यूक्रेनी गोलाबारी यूरोप के लिए विनाशकारी परिणाम पैदा कर सकती है।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने चेतावनी दी है कि जिस तरह से रूसी सेना के तहत संयंत्र चलाया जा रहा है और जिस तरह से उसके आसपास लड़ाई जारी है, उससे गंभीर स्वास्थ्य और पर्यावरणीय खतरा उत्पन्न हो सकता है। यूक्रेन के सैन्य खुफिया प्रमुख, एंड्री युसोव ने यह कहकर रूसी बयानों का प्रतिवाद किया कि उनके संगठन को कई स्रोतों से विश्वसनीय जानकारी मिली है कि रूसी सेना ने क्षेत्र में एक अपेक्षित यूक्रेनी जवाबी कार्रवाई का सामना करने के लिए ज़ापोरिज़्ज़िया संयंत्र में विस्फोटक लगाए हैं। इससे पहले, यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा है कि रूस संयंत्र से हमले शुरू कर रहा है और यूक्रेनी श्रमिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
असल में हकिकत यह है कि, इस परमाणु संयत्र पर यूक्रेन की ओर से गोलीबारी की गई है। मामले को बढ़ता देख जेलेंस्की रूस को इसका विलेन बता रहे हैं। पश्चिमी देशों के कंधे पर सवार होकर जंग लड़ रहे जेलेंस्की अपनी लोगों के साथ ही दुनिया भर में चिंता पैदा कर रहे हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने सोमवार को कहा कि ज़ापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र पर एक दिन पहले यूक्रेन के हमले से इसकी स्विच सुविधा में धुआं उठ गया, जिससे वह आपात स्थिति में बंद हो गया। उन्होंने कहा कि दमकल टीमों ने आग बुझाई और संयंत्र के कर्मियों ने रिएक्टर नंबर 5 और नंबर 6 का उत्पादन घटाकर 500 मेगावाट कर दिया। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पश्चिमी देशों से कीव को संयंत्र पर हमला बंद करने के लिए मजबूर करने का आग्रह किया।