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Russia का पूरे Ukraine पर कब्जा! देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति zelensky

बड़ी खबर: यूक्रेन छोड़कर भागे राष्ट्रपति जेलेंस्की

रूसी सेना यूक्रेन को चारों ओर से घेर रही है। यूक्रेन के कई शहरों पर रूसी सेना ने कब्जा कर लिया है। जंग शुरू होने के बाद से ही यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की लगातार यह कह रहे थे कि वो अंत तक रूस के खिलाफ लड़ते रहेंगे और अपने लोगों को और देश छोड़ कर कहीं नहीं जाएंगे। लेकिन अब एक बड़ी खबर आ रही है कि रूसी हमलों के बीच वलोडिमिर जेलेंस्की देश छोड़ कर भाग गए हैं।

यूक्रेन का जो हाल है वो सारा किया धरा अमेरिका और नाटो का है। ये शुरुआत से तो यह दिलाशा दिलाते आ रहे थे कि वो यूक्रेन की हर हाल में मदद करेंगे और यहां तक कि रूस के खिलाफ यूक्रेन में अपनी सेना भी उतारेंगे। लेकिन जब युद्ध का एलान हुआ तो ये सारे पिछे हट गए और यूक्रेन को अकेला छोड़ दिया। हालांकि, यूक्रेन भी बेचारा नहीं है रूस के लिए वह लागातार खतरे पैदा कर रहा था। यहां तक डोनबास में तो 2014 से मासूमों की जान ले रहा था। दुनिया इस बारे में किसी को नहीं बता रही कि यूक्रेन की असली हकिकत क्या है। खैर जनता और दुनिया से वादा करने वाले वलोडिमिर जेलेंस्की को लेकर दावा किया जा रहा है कि वो देश छोड़कर चले गए हैं।

रूसी सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमले तेज कर दिए हैं और इसपर कभी भी इनका कब्जा हो सकता है। इस बीच रूसी मीडिया ने दावा किया है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेन छोड़ दिया है और पोलैंड पहुंच गए हैं। शुक्रवार को रूसी मीडिया ने दावा किया यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने देश छोड़ दिया है और पोलैंड में शरण ले ली है। हालांकि रूसी दावे पर अभी यूक्रेन की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

बता दें कि, यूक्रेन और रूसी सैनिकों के बीच चल रही जंग के बीच संयुक्त राष्ट्र ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। बीते एक सप्ताह में यूक्रेन से 12 लाख लोग पलायन कर चुके हैं। ये लोग यूक्रेन छोड़कर पड़ोसी देशों की शरण ले चुके हैं। इन लोगों में 50 हजार युवा हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनियों के देश छोड़ने का सिलसिला अभी भी जारी है।

गौरतलब हो कि, इस जंग में जपोरिजिया में परमाणु संयंत्र पर भी रूसी सेना ने हमला कर अपने नियमंत्र में ले लिया है। यह यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र है। यूक्रेन की 25से 30फीसदी परमाणु ऊर्जा की इसी परमाणु संयंत्र से आपूर्ति की जाती है। इस बीच रूस को इस जंग से रोकने के लिए पश्चिमी देश लगातार कोशिश कर रही हैं। लेकिन पुतिन अपने फैसले पर अडिग हैं।