यूक्रेन पर जब रूस के सैन्य अभियान के करने से पहले अमेरिका और नाटो लगातार चेतावनी दे रहे थे कि पुतिन एक बड़ी रणनीति रच रहे हैं। वो किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला कर सकते हैं। यूक्रेन को लेकर रूस का कहना है कि यह एक सैन्य अभियान है ना की जंग। जेलेंस्की को पुतिन लगातार मना करते रहे कि नाटो में मत शामिल होना। अग उन्होंने ऐसा किया तो यह मिंस्क समझौते का उलंघन होगा और रूस को मजबूरन कोई बड़ा कदम उठाना होगा। लेकिन, यूक्रेन को लगा कि पश्चिमी देशों, नाटो और अमेरिका का जब उनके ऊपर हाथ है तो फिर रूस उनका क्या कर लेगा। उधर अमेरिका और नाटो भी लगातार रूस को धमकी दे रहे थे कि अगर यूक्रेन में हमला किया तो उनके आगे नाटो की सेना होगा। लेकिन, जंग होते ही सारी हकिकत सामने आ गई और यूक्रेन को अमेरिका और नाटो ने अकेला छोड़ दिया। यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की को अब भी पश्चिमी देशों से उम्मीद लगाए बैठे हैं। उनका कहना है कि, इस युद्ध को रोकने का एक ही उपाय है वो यह कि रूसी तेल पर पाबंदी लगा दी जाए।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि रूस पर लगाए गए मौजूदा प्रतिबंध उसके लिए कष्टकारी हैं, लेकिन ये रूसी सेना को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। जेलेंस्की ने लोकतांत्रिक दुनिया से रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाने की अपील की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जहां इस तरह का प्रतिबंध लगाया है, वहीं यूरोप रूसी ऊर्जा आपूर्ति पर अत्यधिक निर्भर है, जबकि बाइडेन प्रशासन भारत को रूसी ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाने से रोकने का प्रयास कर रहा है। जेलेंक्सी को यह पता होना चाहिए कि जिस रूसी तेल पर पाबंदी लगाने की बात कर रहे हैं पश्चिमी देश सबसे ज्यादा उसी रूसी तेल पर निर्भर है। इतनी भारी मात्रा में उन्हें तेल कोई और मुहैया करा भी नहीं सकता है। इसे लेकर तो पश्चिमी देश खुद दो गुट में बंटे हुए हैं। ऐसे में जेलेंस्की को हवा में बात करनी छोड़ देनी चाहिए।
जेलेंस्की ने शुक्रवार रात राष्ट्र के नाम जारी एक वीडियो संदेश में कहा, लोकतांत्रिक दुनिया को यह स्वीकार करना चाहिए कि ऊर्जा संसाधनों के लिए रूस को मिलने वाला धन वास्तव में लोकतंत्र के विनाश के लिए इस्तेमाल होने वाला धन है। लोकतांत्रिक दुनिया जितनी जल्दी यह समझ लेगी कि रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाना और उसके बैंकिंग क्षेत्र को पूरी तरह से अवरुद्ध करना शांति के लिए आवश्यक कदम है, युद्ध उतनी ही जल्दी समाप्त हो जाएगा। जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने रूस के हमले का सामना कर रहे मारियुपोल बंदरगाह शहर को लेकर एक बैठक में देश के सैन्य नेताओं और खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि बैठक संबंधी विस्तृत जानकारी को अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, लेकिन हम लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। जेलेंस्की अब गला फाड़ रहे हैं जब उन्होंने सबकुछ बर्बाद कर दिया। उन्हें तब यह सोचना चाहिए था जब वह यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में 'जनसंहार' किया था।