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जेलेंस्की ने अब इस देश से लगाई मदद की गुहार बोलें- US-NATO तो कुछ कर नहीं पाए, अब तुम ही बचा लो हमें

जेलेंस्की ने इजरायल से मांगी मदद

अमेरिका आज जो रूस पर प्रतिबंध लगा रहा है और दुनिया को डरा रहा है कि वह पुतिन की मदद न करें तो। इसके पीछे असली वजह अमेरिका और नाटो ही रहा है। जब मिंस्क समझौते के मुताबकि यह तय हो गया था कि यूक्रेन नाटो में कभी भी शामिल नहीं होगा। तो भी अचानक से यूक्रेन के ऊपर नाटो में शामिल होने का भूत कहां से सवार हो गया। यूक्रेन ने तो डोनबास में इतना आतंक मचाया हुआ था कि यहां 15 हजार लोगों को मौत के घाट उतारा गया। अमेरिका और नाटो का प्लान था कि वह यूक्रेन को अपने हाथों में लेकर रूस पर दबाव बनाए और रूस को कंट्रोल कर सकें। ऐसे में यूक्रेन पर जंग की वजह पश्चिमी देश ही रहे हैं। जंग शुरू होने के बाद से जेलेंस्की लगातार यूएस और नाटो से मदद की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन, जमीनी लड़ाई लड़ने के लिए कोई भी पश्चिमी देश राजी नहीं है। अब यूक्रेनी राष्ट्रपति ने इजरायल से मदद मागी है।

रूस के हमले के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इजरायल से कहा है कि अब तटस्थता को छोड़ने का समय आ गया है। यहूदी देश को यूक्रेन के समर्थन में खड़े होना चाहिए। जेलेंस्की भी यहूदी हैं। इजरायली सांसदों को संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने रूस के हमले की तुलना होलोकॉस्ट से की। उन्होंने कहा, आज से 80 साल पहले भी यूक्रेन ने यहूदियों को बचाने का फैसला किया था। अब समय आ गया है कि इजरायल यूक्रेन को बचाए। हालांकि, यह उनका भड़काने का काम है। जब यूएस और पश्चिमी देशों से दाल नहीं गली तो वो अब दूसरा खेल-खेल रहे हैं।

बता दें कि बेनेट लगातार जेलेंस्की और पुतिन दोनों से ही फोन पर बात करते रहे हैं। इसके अलावा 5 मार्च को वह क्रेमिलिन में पुतिन से बात करने भी पहुंचे थे। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने इजरायल की मध्यस्थता को लेकर कहा कि हम दो राष्ट्रों के बीच तो मध्यस्थता कर सकते हैं लेकिन अच्छाई और बुराई के बीच मध्यस्थता संभव नहीं है।