यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की इस वक्त अमेरिका और नाटो के घमंड में चूर हैं। जेलेंस्की को पूरी उम्मीद है कि वो जंग जीत जाएंगे। जबकि, उनके सामने दुनिया का महाशक्तिशाली देश रूस है। रूस चाहे तो चंद सेकेंड्स में इस जंग को खत्म कर दे लेकिन, इसमें सबसे ज्यादा मौत आम जनता की होगी इसलिए उसे सब कुछ ध्यान में रखते हुए इस ऑपरेशऩ को अंजाम देना पड़ रहा है और यूक्रेनी राष्ट्रपति इसी का फायदा उठा रहे हैं। इस वक्त आलम यह है कि, रूसी सैनिकों के आगे यूक्रेन के सैनिक दम तोड़ रहे हैं। लेकिन, यूरोप देशों के घमंड में चूर जेलेंस्की को आम लोगों से कोई लेना देना नहीं है। वो वही करेंगे जो पश्चिमी देश बोलेंगे। हालांकि, अब वो इस जंग को रोकवाना चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने कहा है कि, कोई तो ऐसा होगा जो ये जंग रूकवा सकता है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि कोई भी नहीं जानता है कि यह युद्ध कितना लंबा चलेगा और इसकी कोई भविष्यवाणी भी नहीं कर सकता है। राष्ट्र के नाम अपने वीडियो संबोधन में जेलेंस्की ने कहा कि युद्ध का परिणाम सिर्फ हमारे उन लोगों पर निर्भर नहीं करेगा, जो अपना बहुत कुछ पहले ही दांव पर लगा चुके हैं। दुर्भाग्य से यह हमारे साझेदार देशों, यूरोपीय देशों और स्वतंत्र दुनिया पर भी निर्भर करेगा। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि, वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बात करने के लिए तैयार हैं।
वहीं, रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने शुक्रवार को संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन से बात की। यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत के बाद से दोनों नेताओं के बीच यह पहली बातचीत है। इस दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री ने शोइगु से यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम करने की मांग की। बता दें कि, यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने शुक्रवार को जी-7 देशों से यूक्रेन में हथियार आपूर्ति बढ़ाने और रूस पर दबाव बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों से उनकी बातचीत बहुत मददगार, लाभदायक, वास्तविक और परिणाम केंद्रित रही। उन्होंने अब तक यूक्रेन को मिले वित्तीय और सैन्य मदद के लिए इन देशों की सराहना की। बता दें कि, अमेरिका और यूरोप देशों की ओर से की जा रही यह मदद आने वाले दिनों में यूक्रेन संग इनपर भी भारी पड़ने वाली है। क्योंकि, एक ओर तो ये यूक्रेन की पूरी मदद कर रहे हैं दूसरी ओर दुनिया को धमकी दे रहे हैं कि रूस से किसी तरह का संबंध न रखे। वहीं, पुतिन भी बोल चुके हैं कि जो भी यूक्रेन की मदद करेगा वो इसका अंजाम भुगतेगा।