पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में शारदा कॉरिडोर को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया गया,जिसमें भारत के कश्मीर से PoK स्थित शारदा पीठ तक एक कॉरिडोर बनाने की मांग की गई। यह प्रस्ताव भारत सरकार के उस प्रस्ताव से मेल खाता है,जिसमें भारत सरकार ने पीओके तक करतारपुर कॉरिडोर की तरह एक गलियारा बनाने की बात कही थी।
दरअसल,भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने पीओके स्थित शारदा पीठ तक एक कॉरिडोर बनाने की बात कही थी,ताकि श्रद्धालुओं को शारदा पीठ के दर्शन करने का मौका मिले।
इस प्रस्ताव के बाद पाकिस्तानी हुक़्मरानों में बेचैनी
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद पाकिस्तान के सियासतदानों की बेचैनी बढ़ गई है। दरअसल,PoK विधानसभा में 29 मार्च को तहरीक़-ए-इंसाफ़ सत्तारूढ दल के नेता जावेद बट की ओर से यह प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव में सीमा पार रहने वाले कश्मीरियों को शारदा पीठ में दर्शन औऱ एक दूसरे मिलने की मांग की गई है। इस प्रस्ताव के अनुसार, जिस तरह से करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण हुआ है,ठीक उसी तरह शारदा पीठ जाने के लिए एक कॉरिडोर बनाने की बात कही गई है,जिससे भारत के लोग शारदा पीठ का दर्शन कर सके। साथ ही 2019 से बंद व्यापारिक संबंधों को लेकर नई पहल हो सके।
Pok विधानसभा में इस प्रस्ताव के पारित होते ही पाकिस्तान के सियासत और भारत में तैनात पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कई बातें कही हैं। पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि इस प्रस्ताव से तो लगता है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों को कुछ जानकारी ही नहीं हैं। उनका कहना है कि PoK के लोगों को कश्मीर के मसले के बारे में समझाने की ज़रूरत है। अब्दुल बासित का कहना है कि करतारपुर कॉरिडोर और शारदा पीठ कॉरिडोर में बहुत भिन्नता है। उन्होंने कहा कि भारत का पंजाब और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का बंटवारा नज़र आता है। दोनों प्रांतों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा क़ायम है,लेकिन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और जम्मू-कश्मीर इससे पूरी तरह भिन्न है। साथ ही उन्होंने कहा कि शारदा कॉरिडोर की बात करना भारत के दावे को पूरी तरह मान्यता देने के समान है। अब्दुल बासित ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए भारत गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
भारतीय के लिए शारदा पीठ क्यों है महत्वपूर्ण ?
हिन्दू धर्म में 51 शक्तिपीठों में से एक है मां शारदा पीठ भी है। यह पीठ हिन्दुस्तान के उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले में है,जो फिलहाल पीओके में है। शारदा पीठ मंदिर नीलम घाटी में है,यहां बंटवारे के बाद से भारतीय का जाना मुश्किल है। 1947 के बाद भारतीय इसके दर्शन को लालायित हैं। 2019 में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भी शारदा पीठ को लेकर बात की थी। उन्होंने उस समय कहा भी था कि करतारपुर कॉरिडोर की तरह शारदा पीठ कॉरिडोर खोला जा सकता है। शारदा कॉरिडोर हिन्दुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। कश्मीरी पंडितों के लिए यह मंदिर काफी पवित्रतम जगहों में से एक है।