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PM मोदी के जिगरी दोस्त व UAE के राष्ट्रपति का हुआ निधन, शेख खलीफा बिन जायद के सम्मान में 40 दिन का राष्ट्रीय शोक

राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद का निधन

संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नहयान आखिरकार अपने जीवन की जंग को हार गए। जी हां, शेख खलीफा का 73साल निधन हो गया है। उनके निधन की पुष्टि यूएई की सरकारी न्यूज एजेंसी WAM ने की है। दरअसल, राष्ट्रपति जायद अल नहयान काफी लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। ऐसे में उनके इस दुनिया से चले जाने के बाद सरकार की तरफ से जायद अल नहयान के निधन पर 40दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। इसके अलावा देश के सभी निजी और सरकारी सेक्टर्स में तीन दिनों के लिए अवकाश रहेगा।

इन कामों के लिए दिया अहम योगदान

मालूम हो, यूएई को गैस और तेल के सेक्टर में आगे बढ़ाने के लिए जायद अल नहयान काफी अहम योगदान रहा था। इसके अलावा कई अन्य उद्योगों का विकास भी उनके शासनकाल में हुआ था। खासतौर पर यूएई के उत्तरी इलाकों के विकास के लिए उन्होंने अपना अहम योगदान दिया था, जो अन्य हिस्सों के मुकाबले थोड़ा पिछड़ा था। इस क्षेत्र में उन्होंने हाउसिंग, एजुकेशन और सोशल सर्विसेज को बढ़ावा देने का काम किया था। यूएई में फेडरल नेशनल काउंसिल के सदस्यों के प्रत्यक्ष निर्वाचन की शुरुआत भी उन्होंने की थी।

वहीं उनके कार्यकाल की बात करें तो शेख खलीफा बिन जायद अल नहयान  3नवंबर, 2004से देश के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक के तौर पर कामकाज संभाल रहे थे। उनसे पहले उनके पिता शेख जायद बिन सुल्तान अल नहयान राष्ट्रपति थे। वह 1971से नवंबर, 2004तक देश के मुखिया थे। 1948में जन्मे शेख खलीफा यूएई के दूसरे राष्ट्रपति थे और आबू धाबी के 16वें शासक थे। खास बात शेख खलीफा ने अपने कार्यकाल में यूएई और आबू धाबी के प्रशासन को पुनर्गठित करने में अहम भूमिका अदा की थी और कई सुधारों को लागू किया था। उनके कार्यकाल में ही यूएई ने इतना विकास किया कि दूसरे देशों के लोग भी बड़ी संख्या में वहां पहुंचे।