रूस किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला कर सकता है। युद्ध होने की आशंका तब और बढ़ गई जब अमेरिका ने अपने दूतावासों को यूक्रेन से वापस लौट आने के लिए आदेश दिए। बेशक रूस और अमेरिका के अधिकारी इस संकट को टालने के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा है और युद्ध होने की आशंका बढ़ती जा रही है। यूक्रेन बॉर्डर पर रूस ने 60 बटालियन को तैनात किया है।कुल मिलाकर रूसी सैनिकों की संख्या 77 हजार से एक लाख बताई जा रही है। अमेरिकी इंटेलिजेंस की मानें तो रूसी सेना इस बात का इंतजार कर रही है कि बॉर्डर एरिया में बर्फ पूरी तरह जम जाए। इससे सैनिक और आर्टिलरी को मूव करने में आसानी होगी।
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जानकारी के मुताबिक, अमेरिका के विदेश विभाग ने पहले ही यूक्रेन के लिए 'लेवल 4' की एडवाइजरी जारी की हुई है। जिसमें अमेरिकी नागरिकों से कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी और रूस के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए यूक्रेन की यात्रा ना करें। आपको बता दें कि युद्ध होने के संकेत उस वक्त ही मिल गए थे, जब अमेरिका ने यूक्रेन को 90 टन की घातक मदद पहुंचाई। इसमें सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए हथियार भी शामिल हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने दिसंबर महीने में यूक्रेन को 20 करोड़ डॉलर यानी करीब 1488 करोड़ रुपये के सुरक्षा सहायता पैकेज को मंजूरी दी थी।
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रूस और यूक्रेन में क्या है विवाद?
यूक्रेन एक सोवियत राष्ट्र है। साल 2014 में रूस ने एक बड़ा कदम उठाते हुए यूक्रेन का हिस्सा रहे क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। जिसके बाद से यूक्रेन की सेना और रूस समर्थित अलगाववादियों में लड़ाई जारी है. ऐसा कहा जाता है कि इस लड़ाई में 14 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं। जबकि 20 लाख लोगों को अपना घर तक छोड़ना पड़ा है. रूस ने बीते साल अचानक यूक्रेन की सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी। जिसके बाद अमेरिका और यूक्रेन दोनों ने ही दावा किया कि रूस इस देश पर हमला कर सकता है। इसलिए वो ऐसा कर रहा है. अमेरिका और यूरोप ने चेतावनी दी है कि अगर रूस इस देश पर हमला या कब्जा करता है, उसपर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे।