तमाम कोशिशों के बाद भी पश्चिमी देश रूस को यूक्रेन पर हमले करने से नहीं रोक पा रहे हैं। अमेरिका और नाटो के चक्कर में फंसे यूक्रेन की हालत इस वक्त बेहद ही खराब है। इस बीच अमेरिका और नाटो दुनिया से ये कह रहे हैं कि वो रूस के खिलाफ जाए और यूक्रेन के पक्ष में आकर मदद करे। यूक्रोन को इस वक्त पश्चिमी देशों से पूरी तरह से मदद मिल रही है लेकिन, इसके बाद भी पुतिन भारी पड़े हुए हैं। अब अमेरिका को चीन ने बड़ा झटका दिया है। जिसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडन काफी खफा हैं।
अमेरिका ने कहा कि यूक्रेन में रूस जो कर रहा है, उसकी चीन द्वारा स्पष्ट निंदा नहीं करना बीजिंग द्वारा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धांतों और देशों की संप्रभुता के सम्मान सहित विभिन्न मुद्दों पर उसके घोषित रुख के खिलाफ है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग के बीच शुक्रवार को फोन पर संभावित बातचीत से पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। साकी ने कहा कि, किसी अन्य देश पर हमला करने में रूस को चीन की सहायता प्रमुख चिंता का विषय है और उस पर प्रतिक्रिया के परिणाम होंगे।
साकी ने घोषणा की है कि दोनों देशों के बीच चल रही आर्थिक प्रतिस्पर्धा और यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध पर चर्चा करने के लिए बाइडन शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति शी के साथ बात करेंगे। उन्होंने यहा कि, यह कॉल राष्ट्रपति बाइडेन के लिए आकलन करने का एक अवसर है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग कहां खड़े हैं। बेशक, रूस जो कर रहा है, उसकी चीन द्वारा निंदा का अभाव है। यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धांतों सहित, राष्ट्रों की संप्रभुता के सम्मान के मूल सिद्धांतों सहित विभिन्न मुद्दों पर चीन के घोषित रुख के खिलाफ है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, इसका पता इस तथ्य से चलता है कि रूस जो कर रहा है, उसकी चीन ने निंदा नहीं की है। यह फोन कॉल ऐसे समय होगी जब हमने रूस के साथ चीन के खड़े होने और इसके संभावित प्रभावों और परिणामों के बारे में अपनी गहरी चिंताओं को स्पष्ट कर दिया है। साकी ने कहा, राष्ट्रपति बाइडेन नेताओं के बीच कूटनीति में विश्वास रखते हैं। उनके पास चर्चा करने के लिए बहुत कुछ है, यह देखते हुए कि राष्ट्रपति ने पिछली बार राष्ट्रपति शी के साथ डिजिटल संवाद पिछले नवंबर में किया था।