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पहली बार अमेरिकी विदेश मंत्री के Ukraine जाने का मतलब क्या है, Putin बोलें- मत करो इतना मजबूर कि…

पहली बार अमेरिकी विदेश मंत्री के Ukraine जाने का मतलब क्या है

यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई को शुरू हुए अब दो महीने पूरे हो चुके हैं। इस दो महीनों में यूक्रेन पूरी तरह बर्बाद हो गया है लेकिन, वो हार मानने के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि, पश्चिमी देशों से उसे भारी हथियार, मिसाइलें, गोला-बारूद, फाइटर जेट्स संग आर्थिक रूप से भी मदद मिल रही है। यूक्रेन के बहाने अमेरिका और नाटो रूस को बर्बाद करना चाहते हैं यही वजह है कि इस जंग में ये इतना दिलचस्पी ले रहे हैं। इधर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कई बार चेतावनी दे चुके हैं कि जो भी देश यूक्रेन का साथ देगा वो उसे इस युद्ध में लिप्त समझेंगे और बाद में उसके खिलाफ भी कार्रावही की जाएगी। जंग के बीच अमेरिका लगाता रूस को भड़काने का काम कर रहा है। इस क्रम में अब अमेरिका की ओर से दो महीने में पहली बार शीर्ष राजनयिक यूक्रेन पहुंचा है।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन III ने कीव में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की है। इसके जरिए रूस को अमेरिका यह कहना चाहता है कि वो यूक्रेन के साथ है। इस जवाब के बदले में कहीं ऐसा न हो की रूस की कोई एक मिसाइल आए और पूरे यूक्रेन को खत्म कर दे। खैर, अमेरिकी सीनियर लीडर की यात्रा की पुष्टि जेलेंस्की के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने यूट्यूब पर एक रूसी वकील और कार्यकर्ता के साथ एक इंटरव्यू में की। एरेस्टोविच ने कहा कि वे (ब्लिकंन और ऑस्टिन) अभी कीव में हैं, राष्ट्रपति से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बातचीत में शायद इस बारे में कुछ तय किया जाएगा कि वे कैसे मदद कर सकते हैं। बाइडन एडमिनिस्ट्रेशन ने यूक्रेन को मदद और हथियार के साथ रूस के खिलाफ पूरा समर्थन दिया है। इतना ही नहीं रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के एक अंतरराष्ट्रीय अभियान का नेतृत्व करने में मदद की है।

बता दें कि, एक ओर तो जेलेंस्की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ सीधी बातचीत कर जंग को खत्म करने की बात कह रहे हैं। लेकिन, दूसरी ओर वो पीछे से पश्चिमी देशों की मदद लेकर नई जंग छेड़ना चाहते हैं। इससे पहले ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन, स्पेन और डेनमार्क के प्रधानमंत्री भी यूक्रेना का दौरान कर चुके हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने यात्रा की घोषणा नहीं की थी लेकिन जेलेंस्की ने शनिवार को एक भाषण में इसका खुलासा किया था। जेलेंस्की ने कहा था कि वह मीटिंग का यूज हमें आवश्यक सैन्य सहायता पर चर्चा करने के लिए करेंगे। इसको लेकर पेंटागन और विदेश विभाग ने तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की थी।