पश्चिमी देश रूस को जितना तोड़ने की कोशिश कर रहा है उससे कहीं ज्यादा कमजोर वो भी हो रहे हैं। जर्मनी में इस वक्त आलम यह है कि यहां पर गैस की कमी के चलते दशकों पुराने उद्योग बंद हो रहे हैं। पश्चिमी देश यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार हप्लाई कर जंग लड़ने में मदद कर रहे हैं। लेकिन, अब हालत यह है कि, खुद राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की ने मैदान छोडकर भागने के लिए कह दिया है। रूस इस वक्त दोनेस्क क्षेत्र को अपने कब्जे में लेने के लिए यूक्रेन पर जमकर हमला कर रहा है। खेरसॉन में भी भीषण जंग जारी है। यूक्रेन को पश्चिमी देशों से हथियारों की खेप मिलने के बाद भी वो रूसी सैनिकों के आगे घुटने टेकने के लिए मजबूर होता नजर आ रहा है।
रूसी सेना ने भी दोनेस्क क्षेत्र में कई शहरों पर मिसाइल हमले जारी रखे हैं। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की दोनोस्क क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों को खाली करने की लोगों से अपील की है। साथ ही इसमें लोगों की मदद करने के लिए सेना के जवानों को कहा है। यूक्रेन की सेना ने दावा किया कि उसने खेरसॉन में कई जगह अपने खोए हुए इलाकों को पाने के लिए संघर्ष तेज कर दिया है। लेकिन, रूसी सैनिकों के हमले के आगे यूक्रेनी सैनिक पीछे हटने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
बता दें कि, रूस इस वक्त यूक्रेन के कई प्रमुख शहरों पर हमले तेज कर दिया है। ये जंग यूक्रेन के चलते और ज्यादा चलने वाली है। इसके साथ ही व्लोदोमीर जेलेंस्की की अकड़ के चलते पूरा यूक्रेन जल्द तबाह हो जाएगा। दरअसल, जेलेंस्की को अपनी जनता से कोई लेना देना नहीं है वो तो पश्चिमी देशों के बताए हुए रास्ते पर चल रहे हैं और अपनी जनता को मौत की आग में धकेल रहे हैं। हाल ही में जंग के बीच उनका फोटोशूट ये बताता है कि जहां एक ओर जनता संघर्ष कर रही है वहीं वो अपनी पत्नि के साथ फोटोशूट कर जंग का लुफ्त उठा रहे हैं। रही बात मध्यस्त की तो एक ओर दुनिया के सामने जेलेंस्की समझौते की बात करते हैं लेकिन, दूसरी ओर वो ये कहते हैं कि जब तक रूस को नहीं हरा लेंगे तब तक कोई समझौता नहीं होगा। ऐसे में यह साफ है कि उन्हें अपनी जनता से कोई लेना देना नहीं है।